लोकेशन – खलघाट / धार
खलघाट नर्मदा तट पर 51 फीट का विशाल रावण दहन, लाखों की भीड़ बनी गवाह
धार जिले के खलघाट में इस बार विजयादशमी का पर्व ऐतिहासिक और अविस्मरणीय साबित हुआ। पावन मां नर्मदा के तट पर 51 फीट ऊँचे विशाल रावण के पुतले का दहन किया गया। यह नजारा देखने के लिए दूर-दराज़ से लाखों की संख्या में श्रद्धालु, दर्शक और उत्साहीजन खलघाट पहुँचे।
विजयादशमी का पर्व भारत की संस्कृति में बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए खलघाट के आयोजन समिति ने इस बार विशेष भव्यता के साथ आयोजन किया। शाम होते ही जैसे ही रावण का दहन प्रारंभ हुआ, आसमान पटाखों और आतिशबाज़ी से रोशन हो उठा। चारों ओर “जय श्रीराम” के उद्घोष गूंज उठे।
51 फीट के इस रावण पुतले को बनाने में स्थानीय कलाकारों ने कई दिनों तक मेहनत की। पुतले में आकर्षक सजावट, रंग-बिरंगे परिधान और रोशनी का विशेष ध्यान रखा गया। कार्यक्रम में राम, लक्ष्मण और हनुमान की झांकियाँ भी प्रस्तुत की गईं, जिसने दर्शकों को रामायण काल की दिव्य झलक का अनुभव कराया।
रावण दहन से पहले पूरे नगर में शोभायात्रा निकाली गई। जिसमें सैकड़ों युवक-युवतियाँ, महिलाएँ और बच्चे पारंपरिक वेशभूषा में शामिल हुए। नगर की गलियाँ भगवा ध्वजों, झालरों और विद्युत सजावट से जगमगाती रहीं।
कार्यक्रम स्थल पर सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतज़ाम किए गए थे। पुलिस प्रशासन, नगर परिषद और स्वयंसेवकों ने मिलकर लाखों की भीड़ को संभालने में अहम भूमिका निभाई।
जब रावण दहन की प्रक्रिया शुरू हुई तो पूरा खलघाट तट “हर-हर महादेव” और “जय श्रीराम” के नारों से गूंज उठा। जैसे ही तीर रावण के पुतले में लगा, आतिशबाज़ी और गगनभेदी धमाकों के बीच रावण धू-धू कर जल उठा। इस दृश्य को देख दर्शकों ने उत्साह और श्रद्धा से तालियाँ बजाईं।
इस आयोजन में स्थानीय जनप्रतिनिधि, सामाजिक संगठन और कई प्रतिष्ठित नागरिक उपस्थित रहे। सभी ने विजयादशमी की शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि यह पर्व हमें सदैव सत्य और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।
भव्यता और जनसमूह की उपस्थिति के कारण खलघाट का यह रावण दहन न केवल धार जिले बल्कि पूरे मालवा-निमाड़ क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया।