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कौशाम्बी में अवैध क्लिनिकों का काला कारोबार: बेसमेंटों में मौत का सौदा, जिम्मेदारों की मिलीभगत से फैला संकट

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हिमांशु उपाध्याय / नितिन केसरवानी

कौशाम्बी: जिले के तिल्हापुर मोड़, नेवादा, सराय अकील, बेनीराम कटरा, चायल, पुरखास और तिल्हापुर जैसे ग्रामीण इलाकों में छोटे-छोटे क्लिनिक और झोलाछाप डॉक्टरों का बोलबाला है। मुख्य सड़कों पर तो खुलेआम क्लिनिक और अस्पताल संचालित हो रहे हैं, वहीं कई जगह बेसमेंटों में छिपकर ये अवैध प्रतिष्ठान चल रहे हैं। हाल ही में बेसमेंट क्लिनिकों में हुई दुर्घटनाओं के बावजूद संचालकों पर कोई अंकुश नहीं। सूत्रों का कहना है कि मोटी रकम के लालच में जिम्मेदार अधिकारी आंखें मूंद लेते हैं, जिससे आमजन की जान पर बन आई है। स्थानीय निवासियों ने जिला प्रशासन से कठोर कार्रवाई की गुहार लगाई है। जिले के इन इलाकों में अवैध चिकित्सा केंद्रों की भरमार हो गई है। ग्रामीणों के अनुसार, ये झोलाछाप डॉक्टर न केवल मरीजों को लूट रहे हैं, बल्कि उनकी जिंदगियों के साथ खिलवाड़ भी कर रहे हैं। एक स्थानीय निवासी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “कई परिवारों ने इनके चक्कर में अपनों को खो दिया। मगर अधिकारियों की खामोशी से ये संचालक बेखौफ हैं। बेसमेंट क्लिनिकों में ऑक्सीजन की कमी या आग लगने जैसी घटनाएं हो चुकी हैं, फिर भी ताला नहीं लगता।”

सूत्रों के हवाले से खुलासा हुआ है कि इन क्लिनिक

संचालकों द्वारा जिला के जिम्मेदार अधिकारियों तक मोटी रकम पहुंचाई जाती है, जिसके चलते जांच का नामोनिशान नहीं। यदि सख्ती से रजिस्ट्रेशन और मानक जांच की जाए, तो शायद ही एक-दो क्लिनिक ही बचे रहें। ज्यादातर ये प्रतिष्ठान सिर्फ दिखावे के लिए चलाए जा रहे हैं। एक पूर्व स्वास्थ्यकर्मी ने कहा, “झोलाछापों के पास न तो योग्य डॉक्टर हैं, न ही उचित सुविधाएं। ये दवाओं के नाम पर जहर बेचते हैं और मरीजों को कंगाल बना देते हैं।”

दबंगई और राजनीतिक दबाव का खेल

ये संचालक इतने बेखौफ हैं कि अधिकारियों के सामने बदतमीजी पर उतर आते हैं। उनके पास दलालों और दबंगों की फौज तैनात रहती है, जो किसी शिकायत पर तुरंत हावी हो जाती है। जब भी कोई अधिकारी कार्रवाई को पहुंचता है, तो बड़े नेताओं के फोन आने लगते हैं। नतीजा? या तो कार्रवाई रुक जाती है या फिर दिखावा होकर रह जाता है। एक ग्रामीण ने दर्द भरी आवाज में कहा, “हमारी जिंदगियां दांव पर हैं, लेकिन सत्ता के गलियारों में ये कारोबार फल-फूल रहा है।”

निवासियों की अपील:  मुहिम चलाएं, जागरूकता फैलाएं कौशांबी के ईमानदार जिलाधिकारी से स्थानीय लोगों ने अवैध अस्पतालों के खिलाफ मुहिम चलाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि कठोर कार्रवाई से न केवल लूट बंद होगी, बल्कि जानों की रक्षा भी संभव है। साथ ही, आमजन से गुजारिश है कि झोलाछापों के जाल में न फंसें। परिवार के सदस्यों का इलाज केवल मानक अस्पतालों और योग्य डॉक्टरों से ही करवाएं। किसी के बहकावे में आकर अपनों की जान जोखिम में न डालें।

ध्यान दे

स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जैसा की शिकायतें मिलने पर जांच की जाती है! लेकिन जिला प्रशासन ने इस मुद्दे पर अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया। यदि आप भी इसकी शिकार हैं, तो हेल्पलाइन 108 या जिला कंट्रोल रूम पर संपर्क करें। जागरूकता ही एकमात्र हथियार है, जो इस काले कारोबार को जड़ से उखाड़ फेंकेगा।

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