News By-नितिन केसरवानी
प्रयागराज/प्रतापगढ़ उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा बुनियादी ढांचा रोड प्रोजेक्ट गंगा एक्सप्रेसवे अपने निर्माण के आखिरी चरण में है। 36,000 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा यह एक्सप्रेसवे मेरठ से प्रयागराज तक 594 किलोमीटर लंबा होगा और राज्य की कनेक्टिविटी को नया आयाम देगा। इससे यूपी में एक्सप्रेस वे की एक और परियोजना पूरी हो जाएगी। इससे लंबी दूरी की यात्रा करने वालों को एक और बड़ी सुविधा मिल जाएगी।
देश का दूसरा सबसे लंबा एक्सप्रेसवे
गंगा एक्सप्रेसवे है, जो मुंबई-नागपुर एक्सप्रेसवे के बाद आता है। इसका निर्माण 12 जिलों के 518 गांवों से होकर किया जा रहा है।मेरठ से प्रयागराज तक की यात्रा अब कुछ ही घंटों में पूरी की जा सकेगी। एक्सप्रेसवे मेरठ-बुलंदशहर (NH 334) पर बिजौली गांव से शुरू होकर प्रयागराज के जुदापुर दादू गांव (NH 19) तक फैला होगा।
आधुनिक सुविधाओं से लैस
इस एक्सप्रेसवे पर न केवल तेज रफ्तार से सफर करना आसान होगा, बल्कि यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा का भी पूरा ध्यान रखा गया है। टोल प्लाजा, सर्विस रोड, स्ट्रीट लाइट्स, डिस्प्ले बोर्ड, हर एक किलोमीटर पर कैमरे और पेड़-पौधों की रोपाई जैसी सुविधाएं लगभग पूरी हो चुकी हैं। एक्सप्रेसवे पर बड़े विमानों के उतरने की सुविधा भी होगी और गंगा व रामगंगा पर दो विशाल पुलों का निर्माण किया जा रहा है,शुरुआत में यह एक्सप्रेसवे छह लेन का होगा, जिसे भविष्य में आठ लेन तक बढ़ाने का प्रस्ताव है।
दिल्ली, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में बनेगा एक और एक्सप्रेसवे, 30 मिनट में पूरा हो जाएगा 2 घंटे का सफर, कहां से कहां तक जाएगा।
नवंबर 2025 तक पूरा होने का लक्ष्य
बारिश की वजह से कुछ समय के लिए सर्विस लेन का काम रुका था, लेकिन अब तेजी से निर्माण दोबारा शुरू हो गया है। हाल ही में प्रयागराज के जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने निरीक्षण कर सभी कार्यों को 2 नवंबर 2025 तक पूरा करने के निर्देश दिए हैं,परियोजना पूरी होने के बाद उत्तर प्रदेश के पास देश के शीर्ष 10 में से पांच एक्सप्रेसवे होंगे, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था और कनेक्टिविटी को बड़ा फायदा होगा।
इसकी जानकारी भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ कुंडा से मीडिया प्रभारी एवं हिंदी दैनिक लोकमित्र के पत्रकार आशीष पाण्डेय को चीफ प्रोजेक्ट इंजीनियर राकेश गोयल ने एक संक्षिप्त मुलाकात में दिए।