News By- हिमांशु उपाध्याय / नितिन केसरवानी
कौशाम्बी: भरवारी और उसके आस-पास के क्षेत्रों में ड्रोन से चोरी की जो दहशत फैली हुई है, यह केवल एक स्थानीय घटना नहीं है। मिली जानकारी के अनुसार, उत्तर प्रदेश के कई जिलों (मुख्यतः पश्चिमी यूपी) में इस तरह की अफवाहें और डर बड़े पैमाने पर फैला हुआ है। लोग रातभर जागकर पहरा दे रहे हैं और इससे आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
दहशत के प्रमुख बिंदु
* व्यापक अफवाहें (Widespread Rumours): यह अफवाह फैली है कि चोरों के गिरोह ड्रोन का इस्तेमाल घरों की रेकी (Surveillance) करने और चोरी की योजना बनाने के लिए कर रहे हैं। लोगों का दावा है कि चोरी से कुछ दिन पहले उनके इलाकों में ड्रोन देखे जाते हैं।
* सामूहिक जागरण और पहरा: डर इतना गहरा है कि भरवारी की तरह ही, अन्य गांवों और कस्बों में भी ग्रामीण लाठी-डंडों के साथ रात भर पहरा दे रहे हैं। लोगों ने अपनी सुरक्षा के लिए गार्ड (चौकीदार) भी रखे हैं।
* कानून को हाथ में लेना: इस दहशत के कारण कई जगहों पर अराजकता भी फैली है। ड्रोन चोर होने के शक में कई बेकसूर लोगों को पीटा गया है। कई मामलों में तो अपने किसी परिचित से मिलने आए या नशे में धुत व्यक्ति को भी संदिग्ध मानकर पीटा गया।
* ‘मुंह नोचवा’ की याद: आपकी खबर में ‘मुंह नुचवा’ का जिक्र है। यह भी दिखाता है कि यूपी के इन ग्रामीण इलाकों में सामूहिक दहशत (Mass Panic) फैलने की यह कोई पहली घटना नहीं है।
पुलिस और प्रशासन का रुख
पुलिस और वरिष्ठ अधिकारी लगातार इस मामले की जाँच कर रहे हैं और लोगों को जागरूक कर रहे हैं। उनका मुख्य रुख ये है:
* चोरी का कोई पुख्ता सबूत नहीं: पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अभी तक एक भी चोरी ऐसी साबित नहीं हुई है जो निश्चित तौर पर ड्रोन की रेकी के कारण हुई हो।
* दहशत का कारण अफवाह: पुलिस इसे अफवाहों और डर से उपजा हुआ हिस्टीरिया (Hysteria) बता रही है, जिसे कुछ शरारती तत्वों ने हवा दी है।
* कबूतरों पर लाइट बांधना: कुछ जगहों पर पुलिस ने ऐसे लोगों को पकड़ा है, जिन्होंने ड्रोन जैसी दहशत फैलाने के लिए कबूतरों के पैरों में एलईडी लाइट बांधकर उन्हें रात में उड़ाया। इसके अलावा, कुछ छोटे खिलौना ड्रोन (Toy Drones) भी बरामद हुए हैं।
* जागरूकता अभियान: पुलिस लोगों से कानून को हाथ में न लेने की अपील कर रही है और लगातार चौपाल लगाकर अफवाहों पर ध्यान न देने की बात समझा रही है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी अवैध तरीके से ड्रोन उड़ाकर दहशत फैलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई (गैंगस्टर एक्ट और NSA तक) की चेतावनी दी है।
निष्कर्ष: साजिश या भय का माहौल?
इस पूरे मामले से यह स्पष्ट है कि:
* चोरी की वारदातें हो रही हैं, जो लोगों के डर का एक वास्तविक कारण है।
* लेकिन ड्रोन द्वारा रेकी किए जाने का दावा अधिकतर अफवाह पर आधारित है, जिसे या तो शरारती तत्वों ने फैलाया है या फिर यह अज्ञात उड़ती हुई चीज़ों को लेकर लोगों का अतिरंजित भय है।
फिलहाल, यह मामला वास्तविक चोरियों के साथ-साथ अफवाहों और सार्वजनिक दहशत का भी है, जिस पर पुलिस लगातार नज़र रखे हुए है।