News By- हिमांशु उपाध्याय / नितिन केसरवानी
भरवारी/कौशाम्बी:: नगर स्थित एनडी कॉलोनी दुर्गा पूजा पंडाल में मंगलवार को श्रीराम कथा के द्वितीय दिवस की कथा श्रवण कर श्रोता अह्लादित हुए, प्रयागराज से पधारे हुए मां कामाख्या के परम् उपासक (नीरज स्वरूप महाराज) की कृपा पात्र शिष्या कथा वाचिका प्रदेश अध्यक्ष साध्वी देवी मीरा किशोरी (मां कामाख्या उपासक) द्वारा शिव सती चरित्र का सुन्दर वर्णन किया। मां पर्वती के जन्म, कामदेव के भस्म होने एवं भगवान शिव द्वारा विवाह के लिये सहमत होने की कथा सुनाई।
साध्वी देवी मीरा किशोरी ने कथा में बताया कि राजा दक्ष प्रजापति ने भगवान शंकर का अपमान करने के लिये महायज्ञ का आयोजन किया था। इस महायज्ञ में राजा ने भगवान शिव को छोडकर समस्त देवताओं को आमंत्रण भेजा था। आमंत्रण नहीं मिलने के बाबजूद सती भगवान शिव से अपने पिता के यहां जाने की इच्छा जताई। तो भगवान शंकर ने बिना बुलाये जाने पर कष्ट का भागी बनने की बात कही। लेकिन सती भगवान शिव की बात को नजरअंदाज कर पिता के घर चली गई। जहां पिता द्वारा भगवान शिव के अपमान की पीडा सती बर्दाश्त नहीं कर सकी और हवन कुंड में कूदकर खुद को अग्नि में समर्पित कर दिया। माता सती के अग्नि में प्रवाहित होने के बाद तीनों लोकों को शिव के कोप का शिकार होना पडा प्रभु को पाने के लिये देह की आसक्ति छोडनी होगी। शरीर और घर से मोह त्यागने वाला ही प्रभु को पा सकता है माता सती के त्याग का वर्णन करते हुए कहा कि शिवजी माता सती का त्याग करते हुए तपस्या में लीन हो गये और 87 हजार साल लगातार तपस्या में लीन रहे।कामदेव ने देवताओं तथा जगत कल्याण के लिए शिवजी पर अपने पुष्प बाण से घात किया।
शिवजी का नेत्र खुलते ही कामदेव भस्म हो गए तब देवताओं की प्रार्थना पर देवाधिदेव महादेव महाराज हिमांचल की कन्या पार्वती से विवाह को तैयार हो गए। जब शिव की बारात हिमालय पर जाने के लिए तैयार हुई तो समस्त देवता भी बारात के साथ निकल पड़े। शिव अपने गणों के लिए साथ नंदी पर सवार होकर महाराज हिमाचल के द्वार पर पहुंचते हैं। शिवगणों को देखकर महारानी मैना डर जाती हैं और पार्वती को पकड़कर रोने लगती हैं। तभी नारद जी प्रकट होते हैं और शिव और पार्वती के पूर्व जन्म की कथा का वर्णन करते हैं। इससे महारानी मैना का संताप दूर होता है और बड़ी धूमधाम से शिव और पार्वती का विवाह संपन्न होता है। विवाह प्रसंग के दौरान कथा पंडाल में बम बम भोले, हर हर महादेव का जयघोष गूंजता रहा । इस दौरान आयोजन समिति के अध्यक्ष राम प्रकाश मिश्रा एडवोकेट, संजय तिवारी, हरी प्रसाद पांडे,सीबी सिंह, आचार्य राजकुमार मिश्र, दीपांशु केसरवानी, राजेश सिंह गौतम सहित अन्य कई भक्त श्रोता गण उपस्थित रहे।