*खबर का असर*
रीवा नगरी प्रशासन की टीम ने मझौली नगर परिषद के निर्माण कार्यों की की जांच।
नगर व्यवस्था का हाल-चाल देख भौचक्के रह गए अधिकारी कर्मचारी एवं लोग।
*अरविंद सिंह परिहार सीधी*
प्राइम्स टीवी न्यूज वेब पोर्टल एवं दैनिक प्राइम संदेश समाचार पत्र के खबर असर देखने को मिला है जहां भले ही जिस पत्र के हिसाब से खबर प्रकाशित की गई थी वह विभाग ना पहुंचा हो लेकिन भ्रष्टाचार को उजागर करने पर रीवा नगरी निकाय की टीम आज अवकाश के दिन ही लगभग दो से ढाई बजे के करीब पहुंच सड़क एवं नाली निर्माण कार्यों की जांच पड़ताल करते हुए अन्य व्यवस्थाओं का जायजा लिया जहां जांच के दौरान नगर परिषद के निर्माण कार्यों तथा व्यवस्था में काफी भ्रष्टाचार एवं अनियमित प्रदर्शित हुई है। अब देखना होगा जबकि नगर परिषद निर्माण कार्य काफी गुणवत्ता विहीन देखे गए जिसके पदार्थ का सैंपल जांच हेतु कलेक्ट किया गया है वही मटेरियल लेंथ , मोटाई लंबाई में भी कमी पाई गई है साथ ही जिस हिसाब से मटेरियल का प्रतिशत होना चाहिए कम पाया गया है क्या कुछ कार्यवाही होती है।
कार्यपालन यंत्री नगरी प्रशासन विभाग संभाग रीवा हरिशंकर मिश्रा द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया कि निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार की शिकायतें थी जिसको लेकर नगर पालिका अधिकारी नगर परिषद मझौली के पत्र भेजा गया था जिसके तहत आज नगरी प्रशासन की टीम जिसमें सहायक यंत्री आनंद सिंह एवं मोबाइल टेस्टिंग लैब टीम है शामिल है वर्णित किए गए 10 कार्यों में से आठ कार्यों की ही जांच की जा सकती है कुछ कर तो काफी गुणवत्ता विहीन है। बाकी के कार्यों का सिंपल लिया गया है जिसकी टेस्टिंग कर कर दो-चार दिन में जांच कार्यवाही का प्रतिवेदन मुख नगर पालिका अधिकारी को भेज दिया जाएगा।
*नदारत रहे भ्रष्टाचार के जिम्मेदार*
नगरी निकाय रीवा संभाग की टीम आज 20 सितंबर को मझौली नगर परिषद के निर्माण कार्यों की जांच करने पहुंची हुई थी लेकिन इस दौरान नवागत सीएमओ जो कि अभी जॉइनिंग के बाद एक-दो दिन ही देखे गए हैं के अलावा दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी ही देखे गए हैं। भ्रष्टाचार को अंजाम देने वाले प्रभारी सीएमओ एवं नगर परिषद के निर्माण कार्यों के प्रमुख जिम्मेदार उपयंत्री नदारत रहे।जो लोगों के बीच चर्चा का विषय बना रहा लोगों का कहना था कि निर्माण कार्यों की गुणवत्ता एवं सरफेस की प्रमुख जिम्मेदारी उपन्यत्री की होती है जो हमेशा क्षेत्र से नकारत रहते थे जांच टीम उन्हें तक बुलाने की जरूरत नहीं समझी वही वर्षों से जिनके कार्यकाल में ही काफी भ्रष्टाचार को अंजाम दिया गया है निवर्तमान प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी अमित सिंह जो कि मझौली नगर क्षेत्र के निवासी हैं वे भी नदारत रहे। ऐसे में जांच टीम के अधिकारियों के कार्य प्रणाली पर भी सवालिया निशान लग रहा है।
*जांच टीम के कार्य प्रणाली में असंतोष!*
लगभग दोपहर 2 बजे पहुंची जांच टीम द्वारा बहुत कम ही समय में कई कार्यो की जांच की गई है जिससे यह साबित हो रहा है कि मात्र औपचारिकता ही पूर्ण की जा रही है। जांच कार्यवाही से प्रतिनिधियों , लोगों के साथ मीडिया के लोग भी असंतुष्ट दिखे हैं। वही संविदाकारो द्वारा भी जांच में संतुष्टि जाहिर की जा रही है। क्योंकि जिस तरह से जांच टीम के अधिकारियों द्वारा गोल-गोल जवाब दिया गया है ऐसा नहीं लगता कि लापरवाह विभागीय अधिकारियों पर कोई कार्यवाही की जाएगी जबकि देखा जाए तो नगर परिषद में जितने भी निर्माण कार्य कराए गए हैं प्रकलन को दरकिनार करते हुए गुणवत्ता विहीन तरीके से कराया गया है। जिस दौरान कार्य कराया जा रहा होता है उसे दौरान जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी व जनप्रतिनिधि आंख बंद कर कमीशन बटोरी के फिराक में रहते हैं। जब उपाध्यक्ष सहित अन्य पार्षदों जो कि अध्यक्ष के विपक्ष गुट के माने जा रहे हैं के द्वारा शिकायत पत्र देकर दबाव बनाया जाता है तब कहीं जाकर औपचारिकता पूर्ण करते हुए पत्राचार किया जाता है।