Breaking News in Primes

चीचली जनपद में “भूतिया दुकान” का काला कारनामा – पंचायत से करोड़ों का घोटाला उजागर

सचिव–सरपंच–ऑडिटरों के राज में मिलीभगत से पंचायत को लूटा गया, जनपद सीईओ की रहस्यमय चुप्पी पर सवाल

0 161

चीचली जनपद में “भूतिया दुकान” का काला कारनामा – पंचायत से करोड़ों का घोटाला उजागर

 

सचिव–सरपंच–ऑडिटरों के राज में मिलीभगत से पंचायत को लूटा गया, जनपद सीईओ की रहस्यमय चुप्पी पर सवाल

 

आखिर क्यों तीन हफ्ते से शिकायत फाइलों में धूल खा रही है?

 

क्यों जनपद सीईओ इस घोटाले पर चुप्पी साधे बैठे हैं?

 

मनीष कुमार राठौर/ 8109571743

 

नरसिंहपुर/भोपाल। मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिलें की चीचली जनपद की ग्राम पंचायत इमलिया (कल्याणपुर) में ऐसा घोटाला सामने आया है, जिसने पंचायत व्यवस्था की पारदर्शिता और ईमानदारी पर बड़ा प्रश्नचिह्न खड़ा कर दिया है। आरटीआई से खुलासा हुआ है कि एक ऐसी दुकान जिसने 2022 में हमेशा के लिए ताले डाल दिए थे, वह 2024 तक कागज़ों पर ज़िंदा रही और लाखों रुपये का सामान पंचायत को सप्लाई करती रही। जिसकी जानकारी जब प्राईम संदेश के उसे वेंडर जो की दुकान बंद कर चुका था जिसको दी उसके बाद उसे दुकानदार ने लिखित शिकायत करने के बाद भी जनपद पंचायत के मुख्य कार्यकर्ता अधिकारी ने आज दिनों तक कोई कार्रवाई नहीं करते हुए भ्रष्टाचार को आगे बढ़ा दिया है कि जब इतने सारे सबूत और गवाह होने के बाद कार्यवाही नहीं की जा रही तो फिर ग्राम पंचायत में कितने बड़े स्तर पर घोटाला बना रहा होगा ? यह खेल कोई साधारण ग़लती नहीं, बल्कि संगठित और योजनाबद्ध भ्रष्टाचार है, जिसमें सचिव, सरपंच, रोजगार सहायक और ऑडिटरों तक की मिलीभगत साफ दिखाई दे रही है। ग्रामीण कहते हैं कि यह दुकान नहीं, बल्कि भ्रष्टाचारियों का “ATM” है, जहाँ से सीधा पैसा निकाला गया।

 

 

कैसे और क्या हुआ बड़ा खेल ?

 

नरसिंहपुर जिलें की चीचली जनपद की ग्राम पंचायत इमलिया (कल्याणपुर) में आरटीआई से जब ग्राम पंचायत का हिसाब-किताब मांगा तो खुलासा हुआ कि जिस दुकान पर 2022 में ताले लग चुके हैं, उसके नाम पर 2023 और 2024 में पंचायत से लाखों रुपये के बिल पास किए गए।

 

इन फर्जी बिलों में रेत, मुरम, पुलिया ईंट और साफ-सफाई सामग्री तक दर्ज है। यानी जो दुकान ज़मीनी हकीकत में बंद है, वह कागज़ों में लगातार माल सप्लाई करती रही।

 

जनपद सीईओ की संदिग्ध भूमिका

 

25 अगस्त 2025 को इस घोटाले की लिखित शिकायत जनपद पंचायत चीचली के सीईओ अभिषेक गुप्ता को दी गई। लेकिन तीन हफ्ते गुजर जाने के बावजूद न तो जांच शुरू हुई और न ही जिम्मेदारों पर कोई कार्रवाई।

ग्रामीणों का कहना है कि सीईओ की यह रहस्यमय चुप्पी घोटाले की असली तस्वीर को और गहरा करती है। सवाल उठता है कि क्या सीईओ भी इस भ्रष्ट तंत्र का हिस्सा हैं या फिर किसी दबाव में फाइलों को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है?

 

सचिव, सरपंच और ऑडिटरों का गठजोड़

 

पंचायत सचिव और रोजगार सहायक ने फर्जी बिलों पर हस्ताक्षर कर भुगतान को हरी झंडी दी। सबसे हैरानी की बात यह कि ऑडिट टीम ने साल-दर-साल इस “भूतिया दुकान” पर लाखों के भुगतान को कभी सवाल तक नहीं किया। यह सीधा-सीधा ऑडिटरों की भागीदारी और मिलीभगत का संकेत है।

 

 

ग्रामीणों का तंज और आक्रोश

 

गांव के लोग कहते हैं “अब तो लगता है चीचली जनपद में दुकानों की आत्माएँ भी टेंडर जीत जाती हैं। रेत-बजरी की गाड़ियाँ शायद अब स्वर्गलोक से सीधे पंचायत भवन आ रही हैं।” ग्रामीणों ने यह भी कहा कि अगर जिला प्रशासन अब भी जागा नहीं तो यह घोटाला सिर्फ सचिव–सहायक की जेब तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि सीधे जनपद मुख्यालय की मेज तक पहुँचेगा।

 

 

प्रशासनिक उदासीनता और बड़ा खतरा

 

यह मामला केवल एक ग्राम पंचायत तक सीमित नहीं है। आरटीआई से निकला यह सच बताता है कि यदि सही जांच न हुई तो पूरे जनपद में करोड़ों के गबन और काले कारनामों की फेहरिस्त सामने आ सकती है। भ्रष्टाचार की यह आग इतनी ज्वलनशील है कि अगर प्रशासन ने इसे दबाने की कोशिश की तो इसकी लपटें सीधे जिला स्तर तक जाएँगी और बड़े अधिकारियों को भी घेरे बिना नहीं छोड़ेंगी।

 

क्या कहना है ।

 

जानकारी प्राप्त करने के लिए और प्राईम संदेश के द्वारा जनपद सीईओ को दी गई सूचना पर कार्रवाई और क्यों नहीं हुई इसके लिए कई बार कॉल और मैसेज किया गया परंतु कोई जवाब नहीं दिया गया ।

 

अभिषेक गुप्ता

जनपद पंचायत चीचली सीईओ जिला नरसिंहपुर ।

Leave A Reply

Your email address will not be published.

Don`t copy text!