जब गाजियाबाद से कौशांबी तक ‘नो टॉलरेंस’ नीति का सफर — SP राजेश कुमार ने कैसे बदली जिले की कानून व्यवस्था की तस्वीर
News By- हिमांशु उपाध्याय/ नितिन केसरवानी
*कौशांबी –:* पिछले कुछ महीनों में कौशांबी पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार ने प्रशासन और आम जनता दोनों के बीच भरोसा जता दिया है। यह बदलाव तब से आया जब उन्हें गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट में डीसीपी के पद से SP, कौशांबी के रूप में तैनात किया गया। उनकी नियुक्ति के बाद कई बड़े और असरदार मामलों में तेजी से कार्रवाई देखी गई — जो रूटीन नहीं, बल्कि ‘नाटकीय परिवर्तन’ है।
*तैयारी से कार्रवाई: तैनाती के दिन से ही शुरुआत हुई बदलाव की कहानी*
एसपी राजेश कुमार ने माता शीतला का दर्शन करके जिले का चार्ज संभाला, उनकी कार्यशैली में दर्द, परतदरपरत से जुड़े अपराधों पर ‘आँख बंद नहीं, सीधी कार्रवाई’ की स्पष्ट लकीर है।
*मुठभेड़ों से लेकर गिरोहों तक — कब क्या हुआ?*
*ट्रेलर चालक की हत्या और 4 करोड़ की लूट का मामला:* कोखराज थाना क्षेत्र में एक ट्रक चालक की हत्या के बाद उसके हत्यारे संतोष उर्फ राजू को पुलिस मुठभेड़ में निशाना बनाकर ढेर कर दिया। इस घटना ने पूरे जिले में ‘आपराधिक ताकत के खिलाफ सख्त रुख़’ का संदेश भेजा।
*महिला नेतृत्व वाले चैन स्नैचिंग गिरोह का पर्दाफाश:* करारी इलाके की पांच महिलाओं और दो पुरुष सदस्यों के गिरोह को तोड़ते हुए 19 मंगलसूत्र, हथियार और ऑटो रिक्शा जब्त किए गए—एक संगठित गिरोह को न्याय के कटघरे में लाने की कामयाब कोशिश।
*फकीराबाद चौराहा पर वायरल पिटाई आम:* दलित सब्जी विक्रेता की पिटाई का वीडियो वायरल होते ही एसपी राजेश के नेतृत्व में सख्त कार्रवाई हुई — आरोपी सद्दाम हुसैन को मुठभेड़ में घायल कर गिरफ्तारी।
*25 हजार का इनामी अपराधी पकड़ा गया:* मुठभेड़ में ₹25,000 का इनामी बदमाश दबोचा गया, जबकि उसका साथी फरार हुआ — पुलिस अब उसकी भी तलाश में जुटी है।
*दो लाशें खेत में मिलीं — SP खुद जांच पर गए:* गोहानी कलां गाँव में दो लाशें मिलने की सूचना पर SP राजेश ने खुद घटनास्थल का मुआयना किया। यह दर्शाता है कि संवेदनशील मामलों में क्षेत्रीय नेतृत्व की जिम्मेदारी केवल मॉनिटरिंग का नहीं, बल्कि प्रत्यक्ष कार्रवाई का भी है।
*धार्मिक सम्मान का उल्लंघन भी नहीं बख्शा गया:* जिले में तिरंगे का अपमान करने वाले पांच मामलों में FIR दर्ज कराई गई — सोशल मीडिया की मदद से पुलिस ने त्वरित जानकारी पाकर कार्रवाई सुनिश्चित की।
*सोशल मीडिया द्वारा दी चेतावनी तक को गंभीरता से लिया:* Meta की suicide-alert प्रणाली ने कौशांबी पुलिस को एक युवक तक पहुंचाया जिसने ऐसा विडियो पोस्ट किया था। SP राजेश की तत्काल और प्रभावी प्रतिक्रिया ने एक संभावित घटना को टाल दिया।
*नियंत्रित स्थिति — अपराधियों में डर, जनता में विश्वास*
एसपी राजेश कुमार की ‘नो टॉलरेंस’ नीति ने केवल अपराधियों में खौफ पैदा नहीं किया, बल्कि नागरिकों में सुरक्षा और न्याय की उम्मीदों को भी मजबूत किया। उनकी सक्रियता, तेज निर्णय और मैदान में मौजूदगी—इन सबने कौशांबी की कानून व्यवस्था को नई दिशा दी है।
*बदलाव की शुरुआत, जब एसपी राजेश कुमार को जिम्मेदारी मिली*
गाजियाबाद से कौशांबी तक की इस यात्रा में, राजेश कुमार ने साबित किया कि ‘नेता वह नहीं जो सिस्टम को अपनाता है, बल्कि सिस्टम को बदलता है।’ उनके नेतृत्व में कौशांबी ने अधरित मानकों को पीछे छोड़ते हुए स्पष्ट संदेश दिया—यहां अपराधियों के लिए कोई जगह नहीं, और मानवता के लिए संपूर्ण मंच है।