मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति पर सख्त निगरानी, ई-अटेंडेंस अनिवार्य
समग्र शिक्षा अभियान ने जारी किए निर्देश, अतिथि शिक्षक, अनुदेशक और बीआरसी को भी ई-अटेंडेंस से देनी होगी उपस्थिति
मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति पर सख्त निगरानी, ई-अटेंडेंस अनिवार्य
समग्र शिक्षा अभियान ने जारी किए निर्देश, अतिथि शिक्षक, अनुदेशक और बीआरसी को भी ई-अटेंडेंस से देनी होगी उपस्थिति
भोपाल । मध्य प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने और शिक्षकों की उपस्थिति में पारदर्शिता लाने के लिए समग्र शिक्षा अभियान (लोक शिक्षण संचालनालय) ने महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए हैं। 3 सितंबर 2023 को जारी परिपत्र (क्रमांक/ICT@School/व्यावसायिक प्रशिक्षण/2023/3102) के अनुसार, प्रदेश के सभी एकीकृत विद्यालयों में कार्यरत अतिथि शिक्षकों, आईटीआई/आईटीआई अनुदेशकों, म्यूजिक टीचर, डी-प्राइमरी अतिथि शिक्षकों, स्पोर्ट्स अनुदेशकों एवं समग्र शिक्षा अंतर्गत विद्यालयों में कार्यरत आईटी.सी. अनुदेशकों, म्यूजिक टीचर और समग्र शिक्षा अंतर्गत डी-प्राइमरी अनुदेशकों सहित सभी कर्मचारियों को ई-अटेंडेंस के माध्यम से अपनी उपस्थिति दर्ज करानी होगी।
क्या कहा पत्र में देखिए

सभी के लिए ई-अटेंडेंस अनिवार्य: अब सभी संवर्गों के शिक्षकों और उपरोक्त उल्लेखित कर्मचारियों को अपनी उपस्थिति ई-अटेंडेंस पोर्टल पर अनिवार्य रूप से दर्ज करनी होगी।
ई-अटेंडेंस हेतु यूजर मैनुअल उपलब्ध: समग्र शिक्षा अभियान ने ई-अटेंडेंस दर्ज करने के लिए एक विस्तृत यूजर मैनुअल भी उपलब्ध कराया है, ताकि सभी संबंधित कर्मचारी आसानी से अपनी उपस्थिति दर्ज कर सकें।
शिक्षकों के उपस्थिति नियमों में बदलाव: अब शिक्षकों को अपनी उपस्थिति ई-अटेंडेंस पोर्टल के ऐप “हमारे शिक्षक” के माध्यम से निर्धारित समय पर दर्ज करनी होगी। सुबह 9:00 बजे से 9:30 बजे तक तथा शाम को 4:00 बजे से 4:30 बजे तक यह उपस्थिति अनिवार्य होगी। यह आदेश शिक्षकों को प्रतिदिन अपनी उपस्थिति अनिवार्य रूप से दर्ज करने के लिए बाध्य करेगा। 10:00 बजे के बाद उपस्थिति दर्ज करने को अनुपस्थिति माना जाएगा, जिसका वेतन पर भी प्रभाव पड़ेगा।
विलंब से आने पर अनुपस्थित: यदि कोई शिक्षक सुबह 10:00 बजे तक अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं कर पाता है, तो उसे उस दिवस के लिए अनुपस्थित माना जाएगा। इसी प्रकार, यदि कोई शिक्षक शाम 4:00 बजे तक अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं करता है, तो उसे भी उस दिवस के लिए अनुपस्थित माना जाएगा।
अनुदेशक/प्रशिक्षकों को भी ई-अटेंडेंस: आईटीआई अनुदेशक/प्रशिक्षकों को भी अपनी उपस्थिति निर्धारित समय-सीमा में ई-अटेंडेंस के माध्यम से ही दर्ज करनी होगी। विलंब से उपस्थिति दर्ज करने पर उन्हें उस दिवस का मानदेय नहीं मिलेगा।
संकुल प्राचार्य की जिम्मेदारी: समस्त संकुल प्राचार्यों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके अधीन कार्यरत सभी शिक्षक और अनुदेशक/प्रशिक्षक नियमित रूप से ई-अटेंडेंस दर्ज करें। इसका अनुपालन सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी संकुल प्राचार्यों की होगी।
निरीक्षण और अनुपालन जरूरी
यह निर्देश तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं और इसका उद्देश्य शिक्षण संस्थानों में अनुशासन और जवाबदेही को बढ़ावा देना है। इस पहल से उम्मीद है कि सरकारी स्कूलों में शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों की उपस्थिति में सुधार होगा, जिसका सीधा लाभ छात्रों की पढ़ाई पर पड़ेगा। समस्त जिला शिक्षा अधिकारियों और समस्त जिला परियोजना अधिकारियों को इन निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है।