News By-नितिन केसरवानी
प्रयागराज के संगम तट पर स्थित बड़े हनुमान मंदिर में 40 करोड़ रुपये की लागत से बनाए जा रहे कॉरिडोर प्रोजेक्ट का पहला चरण पहली ही बाढ़ में क्षतिग्रस्त हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 दिसंबर 2024 को इसका उद्घाटन किया था। यह स्थिति महज कुछ ही महीनों में सामने आ गई, जिससे निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत कुल 11,589 वर्ग मीटर भूमि का अधिग्रहण किया गया था। जिसमें से 535 वर्ग मीटर में बड़े हनुमान मंदिर के गर्भगृह और परिक्रमा पथ का निर्माण होना है। जबकि 2,184 वर्ग मीटर क्षेत्र में कॉरिडोर का विस्तार किया जाना था। पहले फेज का काम महाकुंभ से पहले पूरा कर लिया गया था। 13 दिसम्बर 2024 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा इसका उद्घाटन बड़े धूमधाम से हुआ था। वहीं अभी दूसरा फेज निर्माणाधीन है।
कॉरिडोर की क्षति के कारण:
निर्माण कार्य में मानकों की अनदेखी
घटिया सामग्री का उपयोग
कॉरिडोर की विशेषताएं:
11,589 वर्ग मीटर भूमि का अधिग्रहण किया गया था
535 वर्ग मीटर में बड़े हनुमान मंदिर के गर्भगृह और परिक्रमा पथ का निर्माण किया जा रहा था
कॉरिडोर के निर्माण कार्य की जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) को दी गई थी
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया:
बाढ़ तो हर साल आती है और संगम क्षेत्र में तो यह एक आम बात है
कॉरिडोर जैसे स्थायी निर्माण पहली ही बाढ़ में क्षतिग्रस्त हो जाए तो गंभीर सवाल खड़े होते हैं
इस घटना से निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं और लोग इसे भ्रष्टाचार और लापरवाही का परिणाम बता रहे हैं|