लोकेशन – धामनोद
धामनोद में अद्वितीय उत्साह के साथ मनाया गया विश्व आदिवासी दिवस
रिपोर्टर चेतन शर्मा मोनू पटेल की कलम से
धामनोद में विश्व आदिवासी दिवस इस बार सिर्फ एक पर्व नहीं, बल्कि संस्कृति, एकता और जागरूकता का भव्य संगम बनकर सामने आया। सर्वआदिवासी समाज द्वारा निकाली गई विशाल रैली ने नगर की गलियों को परंपरा और गर्व के रंगों से भर दिया।
सुंदर रोड स्थित अंबिका मंदिर से प्रारंभ हुई रैली ने सुंदरल फाटा, पुराना बस स्टैंड, महेश्वर चौराहा होते हुए मंडी प्रांगण तक नगर भ्रमण किया। रास्ते भर “जय जौहार” और “जय आदिवासी” के गगनभेदी नारे गूंजते रहे।
सैकड़ों युवक-युवतियां पारंपरिक वेशभूषा में, हाथों में तीर-कमान, ढाल और तलवार थामे, डीजे व पारंपरिक वाद्ययंत्रों की धुन पर थिरकते हुए आगे बढ़े। उनका हर कदम अपने गौरवशाली इतिहास और संस्कृति को जीवंत कर रहा था। रस्ते रस्ते पर समाजसेवी एवं व्यापारियों द्वारा जलपान का व्यवस्था की गई थी
मंडी प्रांगण में आयोजित आम सभा में क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों से आए समाजजन एकजुट हुए। सभा में वक्ताओं ने शिक्षा को बढ़ावा देने, नशे से दूर रहने, और समाज में एकता बनाए रखने का संकल्प दिलाया। साथ ही युवा पीढ़ी को अपनी जड़ों और संस्कृति से जुड़े रहने का आह्वान किया गया।
पारंपरिक नृत्य, मधुर वादन और लोकगीतों ने कार्यक्रम में ऊर्जा और उत्साह भर दिया। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, हर चेहरे पर गर्व और खुशी साफ झलक रही थी।
पूरे आयोजन के दौरान धामनोद पुलिस ने सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की, जिससे कार्यक्रम शांतिपूर्ण और सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
यह सिर्फ एक रैली नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक संदेश है—
अपनी संस्कृति को पहचानो, शिक्षा को अपनाओ, और नशे से दूर रहकर अपने समाज को सशक्त बनाओ।