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भव्य गौरक्षा हिन्दू राष्ट्र कावड़ यात्रा पहुंची खुशालेश्वर धाम

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*संवाददाता दिलीप बामनिया*

 

भव्य गौरक्षा हिन्दू राष्ट्र कावड़ यात्रा पहुंची खुशालेश्वर धाम

 

झिरन्या के अम्बाडोचर से निकली भव्य गौरक्षा हिन्दू राष्ट्र कावड़ यात्रा, यात्रा सकल हिंदू समाज तथा धर्मजागरण गतिविधि के नेतृत्व में निकली यात्रा का प्रारंभ अम्बाडोचर से हुआ वही प्रारंभ में ही हजारों श्रद्धालुओं ने हनुमान चालीसा का किया गायन यात्रा रुफाटा, रेठफहल, सोनखेड़ी , टिगरिया फाटा, लायखेड़ी फाटा, जामर्दों , आभापूरी , छेड़िया , से खुशालेश्वर धाम पर जल अभिषेक कर हुआ समापन , यात्रा का कही स्थानों पर हुआ भव्य स्वागत रुफाटा में जल सेवा तथा पुष्प वर्षा रेठफहल में नींबू पानी तो सोनखेड़ी में पोहा तथा चाय का किया आयोजन वही टिगरिया फाटा पर फलाहार तथा नमकीन , लायखेड़ी फाटे पर जल व्यवस्था , वही आभापुरी में यात्रा प्रवेश करते ही श्रद्धालुओं के लिए मानो स्वयं भगवान शिव जी ने मानो मां अन्नपूर्णा का भंडार भर दिया हो प्रारंभ से अन्त तक कही पानी , चाय , पोहा , फल , नुक्ति, कही आलूबड़ा श्रद्धालुओं ने बड़े आनंद के साथ सभी सेवाओं का लाभ लिया। वहीं पंप पर हुई भव्य पुष्प वर्षा यात्रा की भोजन व्यवस्था में छेड़िया गवला मिटावल तथा अम्बाडोचर के वरिष्ठ जन रहे उपस्थित। धर्मजागरण गतिविधि के प्रमुख श्यामलाल डावर ने बताया कि यह यात्रा गौरक्षा के लिए प्रत्येक हिन्दू संकल्प बध हो तथा हम हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए अग्रसर हो वही यात्रा का इतना लंबा मार्ग चुनने के पीछे कारण , क्षैत्र में चल रहे धर्मांतरण, लव जिहाद , लैंड जिहाद , गौ हत्या , इन सभी विषयों को ध्यान में रखते हुए इस यात्रा को निकला गया।

वहीं इस यात्रा पर चर्चा करते हुए सुशील पटेल ने बताया कि यह क्षैत्र की पहली कावड़ यात्रा है जो किसी भी प्रकार के कोई राजनीतिक उद्देश्य के बिना नि स्वार्थ भाव से इस कावड़ यात्रा में हजारों हजारों की संख्या में हिंदू समाज सामिल हुआ है वहीं लगभग 16, से 17 किलोमीटर पैदल यात्रा में मातृ शक्ति ने भी बढ़ चढ़ कर हिसा लिया। वहीं अंत में चंदन ठाकुर ने खुशालेश्वर महादेव मंदिर ट्रस्ट का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इतने घने जंगल में मार्ग की चुनौती होते हुए भी आत्मीय ट्रस्टियों द्वारा इस पावन पुनीत स्थान में अपनी परम्परा को संजोए रखा है ऐसे सभी व्यक्ति तथा ट्रस्टियों का में हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।

 

*झिरन्या से दिलीप बामनिया की रिपोर्ट*

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