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रेलवे स्टेशन की तरफ जाने वाली सड़क पर निकास द्वार वाले मकानों में रेलवे ने चस्पा की नोटिस

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News By- हिमांशु उपाध्याय / नितिन केसरवानी

कौशाम्बी:  नगर स्थित भरवारी रेलवे स्टेशन को रेलवे क्रासिंग फाटक से जाने वाली सड़क पर निकास द्वार वाले मकानों में रेलवे द्वारा नोटिस चस्पा कर निकास द्वार बंद करने की सूचना चस्पा की गई है, निकास द्वार बंद न करने पर कार्यवाही की भी बात लिखी गई है, वही इसको लेकर गृहस्वामियों में खलबली मची हुई है | भरवारी कस्बे में स्थित रेलवे स्टेशन को जाने वाली सड़क पर एक तरफ जहां रेलवे की भूमि पर सामान रखे है, उसी के आगे दिल्ली हावड़ा रेल मार्ग स्थित हैं वही दूसरी तरफ कस्बे के कई लोगों के मकान बने हुए हैं, मकानों के पिछले निकास द्वार के रूप में सभी घरों के गृहस्वामियों ने मकान के पिछे का निकास द्वार रेलवे स्टेशन को जाने वाली सड़क पर किया हुआ है, जिसको लेकर शुक्रवार को सभी घरों में एक नोटिस चस्पा हुई है जिसमें लिखा है कि “सार्वजनिक सूचना”

आप को सूचित किया जाता है कि रेलवे परिसर/रेलवे को भूमि में अतिक्रमण / अनाधिकृत कब्जा (निकास द्वार)कर रखा है, उसे एक सप्ताह के अन्दर स्वयं हटा लें अन्यथा रेलवे प्रशासन द्वारा ध्वस्तिकरण की कार्यवाही की जायेगी और ध्वस्तिकरण में होने वाले खर्च को आप से वसूल किया जायेंगा एवं कानूनी कार्यवाही भी की जायेंगी । इस नोटिस को देखते ही नगर में तरह तरह की चर्चाएं शुरू है |

इस संबंध में पीआरओ अमित सिंह ने बताया कि रेलवे की भूमि पर अवैध रूप से कोई कब्जा करता है तो उसे पहले नोटिस दी जाती है, उसके बाद रेलवे प्रशासन कार्यवाही करता है । भरवारी रेलवे स्टेशन की भूमि पर जिन लोगों ने अनधिकृत रूप से कब्ज़ा किया होगा उनके भी विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी |

भारतीय रेलवे की जिम्मेदारी,प्रबंधन और देखरेख|

भारतीय रेलवे भूमि की देखरेख और प्रबंधन के लिए जिम्मेदार है। इसके तहत रेलवे की जमीनों पर अवैध कब्जों को हटाने की जिम्मेदारी भी आती है।

विपणन और कार्यवाही

रेलवे द्वारा भूमि पर अवैध कब्जे को हटाने के लिए संबंधित प्रबंधन और कार्यवाही की जाती है। इसमें भूमि की जांच, अवैध कब्जा धारियों की पहचान, और उन्हें नोटिस जारी करना शामिल है।

कानूनी नोटिस

रेलवे प्रशासन कब्जाधारियों को कानूनी नोटिस जारी करता है, जिसमें उन्हें निर्धारित समय सीमा के भीतर कब्जा खाली करने का आदेश दिया जाता है।

विधिक कार्रवाई

यदि कब्जा धारक नोटिस के बावजूद कब्जा नहीं छोड़ता है, तो रेलवे प्रशासन कोर्ट में मुकदमा दायर कर सकता है। अदालत के आदेश के अनुसार, भूमि को खाली करवाने की कार्रवाई की जाती है।

स्थानीय प्रशासन और पुलिस की भूमिका ।

स्थानीय प्रशासन, जैसे कि जिला कलेक्टर या उपविभागीय अधिकारी, रेलवे की सहायता करने के लिए जिम्मेदार होते हैं। वे अवैध कब्जों को हटाने में सहयोग प्रदान कर सकते हैं। रेलवे की भूमि पर कब्जा हटाने के दौरान पुलिस बल की भी आवश्यकता हो सकती है, खासकर जब कब्जा धारक विरोध करते हैं या स्थिति तनावपूर्ण हो जाती है।

 

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