हिमांशु उपाध्याय/ नितिन केसरवानी
*कौशांबी।* स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय कौशाम्बी में वर्ल्ड हेपेटाइटिस-डे के उपलक्ष्य पर सोमवार को एक सेमीनार का आयोजन किया गया। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों में हेपेटाइटिस बी.एवं सी. के बारे में जागरूकता एवं उससे बचाव के उपाए के बारे में बताना।कार्यक्रम का शुभारम्भ प्रधानाचार्य डा. हरिओम कुमार सिंह ने किया एवं कार्यक्रम में उप मुख्य चिकित्साकधकारी डा. हिन्दमणि त्रिपाठी एवं डा.आदिल द्वारा सहयोग प्रदान किया गया।
प्रधानाचार्य ने बताया कि वर्ल्ड हेपेटाइटिस-डे डा. बारूच ब्लमवर्ग के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। डा. बारूच ब्लमबर्ग ने सन 1967 में हेपेटाइटिस बी. वायरस की की खोज की थी। अगर किसी मरीज में हेपेटाइटिस बी. एवं सी. संक्रमण की पुष्टि होती है, तो उनका वायरल लोड परीक्षण और आवश्यक दवाएं भी स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय में निःशुल्क प्रदान की जा रही है।इस कार्यक्रम का आयोजन मेडिसिन विभाग में कार्यरत डा. सुरभि प्रकाश के द्वारा वायरल हेपेटाइटिस कंट्रोल प्रोग्राम किया गया, इस कार्यक्रम का उद्देश्य वर्ष 2030 तक भारत को हेपेटाइटिस मुक्त बनाना है। उनके द्वारा बताया गया कि लिवर जैसे महत्वपूर्ण अंग को बीमारियों से बचाए रखने के प्रति जागरूक होना, जीवनशैली में हेल्दी बदलाव लाकर, अपने लिवर का ख्याल रखना., लिवर शरीर का एक बेहद ही आवश्यक अंग है, जो कई तरह के कार्य करता है. लिवर को हेल्दी रखने के लिए खानपान का खास ध्यान देना पड़ता है, बाहर का लगातार खाने, साफ पानी न पीने से, एल्कोहल आदि के सेवन से भी लिवर जल्दी प्रभावित होता है.,इससे फैटी लिवर, लिवर सिरोसिस, लिवर कैंसर समेत हेपेटाइटिस होने का जोखिम काफी अधिक बढ़ जाता है।
बात करें,हेपेटाइटिस की तो इसे मेडिकल फील्ड में ‘साइलेंट किलर’ का नाम दिया गया है. ऐसे में बेहद जरूरी है कि इस बीमारी के बारे में समय रहते जागरूकता फैलाई जाए।कार्यक्रम में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. सुनील कुमार शुक्ल, डा. सुरभि प्रकाश, डा. सरस्वती, चिकित्सा अधीक्षक डा. विश्व प्रकाश, डा.अरिन्दम चक्रवर्ती, डा. रविरंजन सिंह, डा. विकास कुमार, डा. नन्दनी राघव, डा. तेज बहादुर मौर्या, डा. नरेन्द्र कुमार, डा. विकेश दुवे, डा. अंकित तिवारी, डा. सन्दीप कुमार, डा. आत्मिक सिंह, एवं डा. शुऐव सिद्वकी क्वालिटी मैनेजर एवं अन्य चिकित्साधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे।