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छतरपुर पुलिस ने निर्वस्त्र कर आदिवासियों को बेरहमी से पीटा, गुप्तांग में डाली मिर्ची

पीड़ितों के परिवार वालों ने भीम आर्मी के साथ एसपी ऑफिस के बाहर धरने पर बैठकर प्रदर्शन किया

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छतरपुर पुलिस ने निर्वस्त्र कर आदिवासियों को बेरहमी से पीटा, गुप्तांग में डाली मिर्ची

 

पीड़ितों के परिवार वालों ने भीम आर्मी के साथ एसपी ऑफिस के बाहर धरने पर बैठकर प्रदर्शन किया

 

छतरपुर: नौगांव पुलिस पर बर्बरता के आरोप लगे हैं. पीड़ितों के परिजन ने पुलिस पर 4 आदिवासियों की बेरहमी से पिटाई करने के साथ उनके प्राइवेट पार्ट में मिर्ची पाउडर डालकर प्रताड़ित करना के आरोप लगाए हैं. इस बर्बरता के विरोध में पीड़ितों के परिवार वालों ने भीम आर्मी के साथ एसपी ऑफिस के बाहर धरने पर बैठकर प्रदर्शन किया. नौगाव टीआई और पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई की मांग करते हुए जमकर नारेबाजी की.

 

युवकों को बेरहमी से पीटने का आरोप

 

दरअसल, पूरा मामला यह है कि नौगांव थाना पुलिस ने चोरी के आरोप में 4 आदिवासी यवकों को हिरासत में लिया था. इसके बाद उन्हें थाने में ले जाकर उनके कपड़े उतरवाकर बेरहमी से पिटाई की गई. हिरासत में इन युवकों को न केवल शारीरिक प्रताड़ना दी गई, बल्कि उनके साथ अमानवीय कृत्य किया गया है. पीड़ित युवकों में से एक का आरोप है कि पुलिस वालों ने उसके प्राइवेट पार्ट में मिर्ची पाउडर भरकर टॉर्चर किया है.

 

भीम आर्मी ने किया प्रदर्शन

 

नौगांव पुलिस के इस बर्बरता के विरोध में पीड़ितों के परिवार वालों के साथ भीम आर्मी के कार्यकर्ता नारेबाजी करते हुए बस स्टैंड से एसपी कार्यालय पहुंचे. यहां करीब 4 घंटे तक एसपी कार्यालय के बाहर धरने पर बैठकर पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. मामले को तूल पकड़ता देख डीआईजी ललित शाक्यवार मौके पर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वे नहीं माने.

 

दोषी पुलिसकर्मियों को सस्पेंड करने की मांग की

 

पीड़ितों का आरोप है कि नौगांव थाना पुलिस ने उन पर चोरी का झूठा आरोप लगाते हुए उनको 4 दिन तक लगातार थाने में बंद रखा. इस दौरान उनको जानवरों की तरह बेरहमी से बेल्ट और पट्टे से पीटा गया. इसके अलावा प्राइवेट पार्ट में लाल मिर्ची का पाउडर भरकर प्रताड़ित किया गया. एसपी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे लोगों की मांग है कि नौगांव टीआई सहित पुलिस कर्मियों को सस्पेंड किया जाए. जब तक उनको सस्पेंड नहीं किया जाएगा, तब धरना खत्म नहीं होगा.

 

एसपी ने मामले की जांच के दिए आदेश

 

इस मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी अगम जैन और डीआईजी ललित शाक्यवार ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं. वहीं भीम आर्मी प्रदेशाध्यक्ष आकाश ने इसे दलित और आदिवासी उत्पीड़न बताते हुए नौगांव थाना प्रभारी और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट में मामला दर्ज सख्त कार्रवाई की मांग की है. नौगांव एसडीओपी अमित मेश्राम ने कहा, “जानकारी लगी है एक चोरी के शक में कुछ लोगों को उठाया गया था, कुछ पुलिस कर्मियों के द्वारा गलत व्यहार किया गया, जिसकी जांच की जाएगी.”

 

चोरी कबूल करने के लिए किया टॉर्चर

 

पीड़ित नौगांव थाना क्षेत्र के अंतर्गत कंजडपुर धरमपुर के रहने वाले हैं. वे झाड़ू बनाकर बेचने का काम करते हैं. 15 जुलाई की शाम को 5 आदिवासी युवक 2 बाइकों पर सवार होकर नई बस्ती नौगांव डिसलेरी रोड पर मकान के उद्घाटन कार्यक्रम में जा रहे थे. तभी घर के पास रोड पर पेशाब करने लगे. इसी दौरान नौगांव थाने की पुलिस पांचों लोगों को पकड़कर थाने ले गई. इनमें से एक को छोड़ दिया, क्योंकि वह विकलांग था. बाकी चारों को हिरासत में लेकर टॉर्चर करने के आरोप हैं. उन पर चोरी कबूल करने का पुलिस द्वारा दबाव बनाया जा रहा था.

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