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स्वच्छ भारत अभियान को ठेंगा दिखाता अमलाई बस स्टैंड: गंदगी, दुर्गंध और अनदेखी का अड्डा बना यात्री प्रतीक्षालय

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स्वच्छ भारत अभियान को ठेंगा दिखाता अमलाई बस स्टैंड: गंदगी, दुर्गंध और अनदेखी का अड्डा बना यात्री प्रतीक्षालय

 

अनूपपुर/अमलाई।

 

प्रधानमंत्री के बहुचर्चित स्वच्छ भारत अभियान को अमलाई बस स्टैंड पर खुली चुनौती दी जा रही है। बरगवां नगर परिषद के वार्ड क्रमांक 4 में स्थित यह सार्वजनिक बस स्टैंड अब गंदगी, दुर्गंध और कचरे का घर बन चुका है। यात्री प्रतीक्षालय का निर्माण शासन की ओर से यात्रियों की सुविधा के लिए किया गया था, पर आज यहां बैठना भी किसी सज़ा से कम नहीं है।

 

यात्रियों को मिल रही गंदगी की सौगात

 

जहां एक ओर प्रदेश सरकार और नगर परिषद स्वच्छता को लेकर बड़े-बड़े दावे कर रही है, वहीं धरातल पर स्थिति बिल्कुल विपरीत है। बस स्टैंड पर नियमित सफाई नहीं होने से यहां भयंकर दुर्गंध फैली हुई है। सैकड़ों यात्रियों को रोजाना यहां से गुजरना होता है, लेकिन सुविधाओं का अभाव और गंदगी के कारण आमजन को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है।

 

न सुलभ शौचालय, न साफ-सफाई

 

सार्वजनिक बस स्टैंड होने के बावजूद यहां सुलभ शौचालय की कोई व्यवस्था नहीं है। यात्रियों और राहगीरों को मजबूरी में आसपास खुले में या अन्य स्थानों पर जाना पड़ता है, जो न केवल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, बल्कि महिलाओं के लिए असुरक्षित भी है। तेज हवा और बारिश के दौरान गंदगी का असर और भी गंभीर हो जाता है – सड़ांध से सांस लेना मुश्किल हो जाता है और बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ जाता है।

 

स्थानीय लोग भी हो चुके हैं परेशान

 

बस स्टैंड के पास रहने वाले स्थानीय नागरिकों का कहना है कि गर्मी और बारिश के मौसम में यहां रहना दूभर हो जाता है। गंदगी से उठती दुर्गंध न केवल असहनीय होती है बल्कि बच्चों, बुजुर्गों और बीमार लोगों के लिए यह गंभीर स्वास्थ्य समस्या बन चुकी है। बरसाती सीजन में डेंगू, मलेरिया, हैजा जैसी बीमारियों के फैलने की पूरी आशंका है।

 

नगर परिषद की चुप्पी सवालों के घेरे में

 

सबसे बड़ा सवाल यह है कि नगर परिषद आखिर कब जागेगी? शासन से मिलने वाले फंड का उपयोग आखिर कहां किया जा रहा है? क्या स्वच्छता सिर्फ पोस्टर-बैनरों तक ही सीमित रह गई है?अमलाई बस स्टैंड की उपेक्षा, स्वच्छ भारत अभियान की विफलता की ज्वलंत मिसाल बन चुकी है। अब समय आ गया है कि जिम्मेदार अधिकारी इस मुद्दे को गंभीरता से लें और त्वरित कार्रवाई कर आमजन को राहत दिलाएं। प्रशासन की निष्क्रियता को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। यदि अब भी ध्यान नहीं दिया गया तो यह स्थान आने वाले समय में जनस्वास्थ्य के लिए खतरे का केंद्र बन सकता है।

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