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डीएपी/यूरिया के विकल्प उर्वरकों उपयोग पर धामनोद कृषि उपज मंडी में कार्यशाला व परिचर्चा आयोजित

सहायक संचालक कृषि धार डी एस मौर्य ने किसानों से किया वैकल्पिक उर्वरकों जैसे नैनो यूरिया , नैनो डीएपी के उपयोग का आग्रह

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लोकेशन धामनोद

 

*डीएपी/यूरिया के विकल्प उर्वरकों उपयोग पर धामनोद कृषि उपज मंडी में कार्यशाला व परिचर्चा आयोजित*

 

*सहायक संचालक कृषि धार डी एस मौर्य ने किसानों से किया वैकल्पिक उर्वरकों जैसे नैनो यूरिया , नैनो डीएपी के उपयोग का आग्रह*

 

धामनोद! किसानों को रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता कम करने और वैकल्पिक उर्वरकों के उपयोग को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से मंगलवार को धामनोद मंडी प्रांगण में एक दिवसीय कार्यशाला एवं परिचर्चा का आयोजन किया गया।

 

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित सहायक संचालक कृषि धार डी एस मौर्य ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि लगातार यूरिया और डीएपी के अधिक उपयोग से भूमि की उर्वरता पर नकारात्मक असर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जैविक खेती अपनाने और वैकल्पिक उर्वरकों को अपनाना अत्यंत आवश्यक हो गया है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से खेती करने और मृदा परीक्षण को नियमित रूप से कराने की भी सलाह दी। मिट्टी नमूना पत्रक अनुसार जैविक,या रासायनिक उर्वरक का सिफारिश अनुसार उपयोग करने की सलाह दी

उन्होंने बड़े ही सरल अंदाज में बताया कि जिस तरह किसी समय में रिकॉर्ड प्लेयर जो एक बड़ा थाली के बराबर चक्र होता था उसपर हम गाने सुनते थे फिर कैसेट आई जिसे हम जेब में रख सकते थे फिर सीडी और फ्लॉपी ओर अब हम माइक्रोचिप में हजारों गाने स्टोर कर सकते हैं इसी तरह हमें अब 45 किलो की बोरी से आधा लीटर की नैनो यूरिया पर आना होगा जिससे समय पैसा परिवहन और भंडारण खर्च सभी में बचत होगी तथा जितना पौधे को चाहिए उतना पोषण उसे मिलेगा नैनो यूरिया का उपयोग पत्तियां आने के बाद ही किया जाए ताकि वह सीधा पौधे को नाइट्रोजन मिल सके दानेदार यूरीया हम डालते हैं तो वह फैल जाता है पानी के साथ और खरपतवार को भी पोषण देता है जिससे खेतों में खरपतवार बढ़ती है अतः हमें नैनो यूरिया का ही उपयोग करना चाहिए

कार्यशाला में मंच पर जीएस सोलंकी अनूविभागीय अधिकारी कृषि मनावर, कृष्णा पटेल नायब तहसीलदार धर्मपुरी, तुलसीराम वास्केल सहकारिता निरीक्षक, रमेश पेडारकर सहकारिता निरीक्षक, दिनेश पटेल अध्यक्ष भारती किसान संघ धर्मपुरी, ब्लॉक ,लक्ष्मण भावेल भारतीय किसान संघ सदस्य जिला धार ने संबोधित करते हुए बताया कि केंद्र और राज्य सरकार द्वारा वैकल्पिक उर्वरकों को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिनका लाभ किसानों को लेना चाहिए। उन्होंने कार्यशाला में उपस्थि भारतीय किसान संघ के प्रतिनिधि एवं कृषकों से आह्वान किया कि वे अपने खेतों में ट्रायल के तौर पर कुछ हिस्से में जैविक या तरल उर्वरकों का प्रयोग अवश्य करें।

कार्यशाला में राजस्व,कृषि एवं सहकारिता अधिकारियों , उर्वरक कंपनियों के प्रतिनिधि व उर्वरक विक्रेता विजय धाड़ीया रितेश गर्ग रवि बहती राधेश्याम धाड़ीया राजेंद्र अग्रवाल कमलेश पाटीदार ने भी भाग लिया और किसानों को वैकल्पिक उर्वरकों की विशेषताओं, प्रयोग विधि एवं लागत-लाभ की जानकारी दी।

सहकारी समितियां से राजेश पारीक भूपत चौहान हिम्मत सिंह चौहान अजय पाटीदार मुन्नालाल वर्मा श्री राम वर्मा मनीष यादव आदि उपस्थित थे

 

कार्यक्रम में बड़ी संख्या में किसान उपस्थित रहे और उन्होंने वैकल्पिक उर्वरकों के उपयोग को लेकर अपनी जिज्ञासाएं भी रखीं। विशेषज्ञों ने किसानों के सवालों का जवाब देते हुए भरोसा दिलाया कि उनके साथ हर संभव सहयोग के लिए तत्पर है।

उक्त जानकारी वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी प्रेम सिंह ओहरिया द्वारा दी गई

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