*गुरू कृपा से निखरता है व्यक्तित्व*
झिरन्या। गुरू ईश्वर का प्रतिरुप होता है। सादगी, संयम, नैतिकता व कल्याण गुरू के आवश्यक गुण होते हैं। शिष्य में दोष-दर्शन होने पर भी वह शालीनता से समझाता है। विपत्तियों में अभयदान देता है। समस्याओं का समाधान सुझाता है और मुश्किलों में भी मुस्कुराना सिखाता है।
उक्त विचार शासकीय महाविद्यालय झिरन्या में गुरू पूर्णिमा कार्यक्रम में सांसद प्रतिनिधि सुधीर यादव जी ने व्यक्त किये।
भारतीय ज्ञान परंपरा प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में पूर्व मण्डल अध्यक्ष विकास शर्मा जी ने कहा कि विनम्रता, कृतज्ञता और समर्पण के साथ गुरू की अभिवंदना करनी चाहिए तभी गुरू का आशीष प्राप्त होता है और गुरू के आशीर्वाद से शिष्य का जीवन सँवर जाता है, उसका व्यक्तित्व निखर जाता है।
इस अवसर पर अमन यादव, अजय सोनी, अंतिम गुप्ता, दीपक गुप्ता, गुड्डू गोस्वामी, पंकज शर्मा, रितु गंगारेकर,बसन कन्नौजे, विक्रम खरते,आदिल शेख, राम कन्नौजे,संजय धोपे सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. प्रवीण मालवीया ने किया एवं आभार डॉ. अंजू चौहान ने माना।
*झिरन्या। संवाददाता दिलीप बामनिया कि रिपोर्ट*