*बाल अधिकारों के संबंध में किशोर एवं ग्रामीणजन को किया गया जागरूक‘‘*
हरदा से गोपाल शुक्ला
माननीय म.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर के निर्देशानुसार एवं माननीय प्रधान जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष महोदया श्रीमती तृप्ति शर्मा के मार्गदर्शन में आज दिनांक 08.07.2025 को ग्राम-सुखरास, खामापड़वा, कमताड़ा एवं मसनगांव जिला-हरदा में विधिक जागरूकता शिविरों का आयोजन किया गया।
उक्त कार्यक्रम में उपस्थित न्यायाधीश/सचिव महोदय श्री चंद्रशेखर राठौर द्वारा बताया गया कि बाल अधिकार जागरूकता अभियान के अंतर्गत बच्चों के अधिकारों के बारे में लोगों को शिक्षित करना और बच्चों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना है। यह अभियान बच्चों के अधिकारों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए जागरूकता बढ़ाने, शिक्षा को बढ़ावा देने और बाल यौन शोषण बाल विवाह, बाल श्रम आदि के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए है। साथ ही यह भी बताया गया कि नालसा डॉन स्कीम 2025 राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नालसा द्वारा नशा उन्मूलन हेतु शुरू की गई एक पहल है। इसका उद्देश्य, विशेष रूप से युवा व किशोरों में नशीले पदार्थों के उपयोग के विरूध्द जागरूकता बढ़ाना और नशे के शिकार लोगों को कानूनी सहायता और कल्याणकारी सेवाएं प्रदान करना है। उन्होने नालसा (नशा पीड़ितोे को विधिक सेवाएंे एवं नशा उन्मूलन के लिए विधिक सेवाऐं) योजना, 2015 के उपबंधों की जानकारी देते हुए बताया गया कि उक्त योजना के अंतर्गत ड्रग्स तस्करी एवं ड्रग्स पीड़ितों को जिला प्राधिकरण के द्वारा आवश्यक विधिक सेवा उपलब्ध करायी जाती है। योजना के तहत ड्रग्स पीड़ितों को पहचानने, उनका उपचार करने तथा नशा मुक्ति के पश्चात उनके पुनर्वास में उपलब्ध बुनियादी सुविधाओं को गतिमान कराया जाता है। साथ ही ड्रग्स के खतरों एवं इसके उन्मूलन के प्रभावी उपायों के विषय में संवेदनशील बनाया जाता है। जिला प्राधिकरण एवं राज्य की कई एजेन्सियों के साथ साथ गैर सरकारी संगठन भी नशीले पदार्थो की तस्करी और मादक पदार्थो के उन्मूलन के क्षेत्र में कार्यरत है।
जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री सौरभ कुमार दुबे द्वारा नालसा बच्चों के लिए मैत्रीपूर्ण विधिक सेवा योजना 2024 के आलोक में पॉक्सो एक्ट, पॉक्सो रूल्स तथा प्रतिकर से संबंधित अन्य कानूनी प्रावधानों एवं मध्यप्रदेश अपराध पीड़ित प्रतिकर योजना, 2015, नालसा लैंगिक हमलों/अन्य अपराधों की पीड़िताओं/सर्वाईवर्स महिलाओं के लिए प्रतिकर योजना, 2018 की जानकारी उपस्थितजनों को प्रदाय की गई।की जानकारी उपस्थित जनों को प्रदान की गई और उन्हें इस बारे मंे भी जागरूक किया गया कि वे किस प्रकार विधिक सहायता प्राप्त कर सकते है। साथ ही शिविरों में ग्राम न्यायालय क्रियान्वयन की प्रक्रिया एवं निःशुल्क विधिक सहायता के संबंध में जानकारी प्रदान करते हुए जिला विधिक सहायता अधिकारी द्वारा बताया गया कि ग्राम न्यायालय के माध्यम से न्याय की पहुंच सुलभ कराये जाने हेतु तथा प्रत्येक नागरिक को सामाजिक, आर्थिक एवं अन्य निशक्तता के कारण न्याय की पहंुच सुलभ कराने की दृष्टि से ऐसे विवाद जो ग्राम न्यायालय अधिनियम 2008 की प्रथम अनुसूची में प्रावधानित है, का निराकरण ग्राम न्यायालय की बैठक के द्वारा किया जाता है। छोटे विवादों का निराकरण, ग्राम न्यायालय द्वारा बैठक के माध्यम से किया जा सकता है। उपस्थित ग्रामीणजन को ग्राम न्यायालय के अधिकार क्षेत्र, प्रक्रिया, प्रणाली आदि के बारे मंे विस्तारपूर्वक समझाया गया।
उक्त शिविर में ग्राम-सुखरास सरपंच श्री अनिल पुनासे, सचिव श्री सुषमा तिवारी, ग्राम-खामापड़वा सरपंच श्रीमती सुनिता डाले, सचिव श्री विनोद विश्नोई, ग्राम- कमताड़ा सरपंच श्रीमती लक्ष्मीबाई, सचिव जयनारायण गौर, ग्राम- मसनगांव सरपंच श्री रानी चौहान सचिव श्री नंदलाल बघेले, ग्रामीणजन महिलाएं, पुरूष बच्चे एवं पैरालीगल वॉलेंटियर्स श्री एल के पारे उपस्थित रहे।