जलगंगा संवर्धन अभियान से पुनर्जीवित हुई मंदसौर जिले की 06 बावड़ियां
संवादाता ओम सोनी
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा प्रारंभ किए गए जल गंगा संवर्धन अभियान के माध्यम से जिले की प्रमुख एवं प्राचीन और ऐतिहासिक बावड़ियां अपने मूल स्वरूप में आनें लगी तथा जिले की ऐतिहासिक धरोहर को नवजीवन मिला है ज्योकि विकास और जल संरचना के पुनरुद्धार की नहीं, बल्कि प्रदेश की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत का संरक्षण भी है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के पर्यावरण संरक्षण दृष्टिकोण और जल संरक्षण को लेकर इस अभियान को जन-आंदोलन का रूप दिया है। जिले की इन छः बावड़ियों में मंदसौर विकासखंड की मंदसौर अखाशा की बावड़ी, सात सहेलियों की बावड़ी, नागदेवता की बावड़ी। विकासखंड सीतामऊ में औखा बावड़ी, कयामपुर। विकासखंड गरोठ में छाजेड़जी की बावड़ी, विकासखंड भानपुरा में गणेश मंदिर वाली बावड़ी केथुली शामिल हैं ज्योकि जिला प्रशासन एवं जन अभियान परिषद के अथक प्रयास से अपने मूल स्वरूप में लौटी है।
फोटो – 000 बावड़िया जिनका पुर्नोद्वार हुआ है