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पुलिस के बाल कल्याण अधिकारियों के लिए आयोजित किया गया 01 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर

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जिला खरगोन

*खरगोन पुलिस के बाल कल्याण अधिकारियों के लिए आयोजित किया गया 01 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर*

 

खरगोन जिले से प्राइम संदेश

 

• *दिनांक 21.06.25 को खरगोन कंट्रोल रूम के सेमीनार हॉल आयोजित किया गया प्रशिक्षण शिविर*

• *हर थाने पर नियुक्त है सहायक उप निरीक्षक से उप निरीक्षक स्तर के बाल कल्याण अधिकारी*

• *विधि द्वारा निर्धारित किशोरों के अधिकारों के संरक्षण एवं न्यायिक प्रक्रिया पालन जैसे विषयों पर की गई चर्चा*

 

पुलिस मुख्यालय भोपाल के द्वारा महिला एवं बच्चों के विरुद्ध घटित अपराधों में अनुसंधान की गुणवक्ता मे सुधार हेतु समय-समय पर थानों पर कार्यरत अनुसंधान अधिकारियों को प्रशिक्षित करने हेतु निर्देशित किया गया था । इसी क्रम मे पुलिस अधीक्षक खरगोन श्री धर्मराज मीना के द्वारा जिले मे प्रत्येक थाने पर कार्यरत बाल कल्याण अधिकारियों को महिला एवं बच्चों के विरुद्ध घटित अपराधों में अनुसंधान की गुणवक्ता मे सुधार हेतु 01 दिवसीय कार्यशाला/प्रशिक्षण आयोजित करने हेतु निर्देशित किया गया था ।

 

जिसके परिपालन मे दिनांक 21.06.2025 को पुलिस कंट्रोल रूम खरगोन के सेमीनार हाल मे इस विषय पर 01 दिवसीय कार्यशाला/प्रशिक्षण आयोजित की गई थी । इस 01 दिवसीय कार्यशाला/प्रशिक्षण मे जिला खरगोन के पुलिस थानों पर कार्यरत समस्त बाल कल्याण अधिकारी जिसमें सहायक उप निरीक्षक से उप निरीक्षक सहित आरक्षक प्रधान आरक्षक स्तर के पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया । महिला अपराध एवं बाल संरक्षण को लेकर विशेष किशोर पुलिस इकाई एवं सामाजिक संस्था जनसाहस ने पॉक्सो एक्ट व जुवेनाइल जस्टिस एक्ट पॉक्सो व जेजे एक्ट की महत्वपूर्ण जानकारी दी ।

 

मुख्य अतिथि के रुप में पुलिस अधीक्षक खरगोन श्री धर्मराज मीना ने कहा कि जनसाहस संस्था ने इस प्रशिक्षण के आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसका उद्देश्य बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराधों को रोकना और पीडि़तों को न्याय दिलाना है । साथ ही पाक्सो एक्ट के तहत दर्ज मामलों की जांच के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला, जैसे कि साक्ष्य एकत्रित करना, गवाहों के बयान दर्ज करना, और कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करना । किशोर न्याय अधिनियम के अंतर्गत बालको/ किशोरों के हित को ध्यान में रखते हुए न्यायिक प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जानकारी दी । उन्होंने पुलिस अधिकारियों को बताया कि किस प्रकार संवेदनशीलता के साथ पूछताछ करनी चाहिए, ताकि पीडि़त बच्चे को दोबारा मानसिक आघात न पहुंचे । साथ ही, चाइल्ड फ्रेंडली पुलिसिंग और बाल अधिकारों की सुरक्षा के लिए विभिन्न उपायों की जानकारी भी दी गई।

 

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सेमिनार के दौरान पुलिस अधिकारियों ने अपने अनुभव साझा किए और विशेषज्ञों से प्रश्न पूछकर जिज्ञासाओं का समाधान प्राप्त किया । एडीपीओ सरिता चौहान ने कहा कि बच्चों से जुड़े अपराधों में संवेदनशील और विधिसम्मत कार्रवाई की आवश्यकता होती है। इस प्रकार के प्रशिक्षण से हमारे अधिकारियों की कार्यक्षमता में वृद्धि होती है और पीडि़तों को बेहतर न्याय मिल पाता है।

 

बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष राजेश जोशी एवं सदस्य सीमा जोशी ने बच्चों को समीति से सामने पेश करने की प्रक्रिया व बाल कल्याण समिति की संपूर्ण कार्य प्रणाली के बारे में विस्तार से जानकारी दी। प्रोफेशनल काउंसलर शिवचरण जी द्वारा मानसिक स्वास्थ्य काउंसलिंग को लेकर विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य को समझाया गया कि मानसिक स्वास्थ्य क्या है और यह कैसे भावनाओं से व्यक्त करता है मानसिक स्वास्थ्य के लक्षण को हम कैसे पहचाने ,ताकि हमें बालकों के साथ किसी बात करनी चाहिए ताकि हमें संवेदन शील प्रतिक्रिया मिल सके

 

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जन साहस संस्था के इरफान खान एवं विशेष किशोर पुलिस इकाई के प्रभारी अन्ना बागले ने बताया कि प्रशिक्षण का उद्देश्य पुलिसकर्मियों को किशोर न्याय अधिनियम एवं बच्चों के खिलाफ यौन अपराधों से संबंधित कानूनी प्रक्रियाओं के बारे में जागरूक करना है, ताकि पीडि़त बच्चों को संवेदनशीलता एवं कानूनी प्रक्रिया के तहत सही तरीके से न्याय दिलाया जा सके।

कार्यक्रम में जनसाहस एवं पुलिस के सुनील चौहान , कविता सोनोने , दाऊद खान , पिंकी चौहान , वन स्टॉप से श्रीमती रेखा भंवर, पूजा पाटीदार आदि उपस्थित थे ।

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