*धुलकोट। बुरहानपुर*
*संवाददाता दिलीप बामनिया*
*झोलाछाप डॉक्टरों का कहर बीमारियों पर कुछ भी असर नहीं होता*
*सीएमएचओ बोले टीम गठित कर करेंगे कार्रवाई*
धुलकोट क्षेत्र ग्राम खातला में झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार है। चाय की गुमटियों जैसे दुकान में झोलाछाप डॉक्टर मरीजों का इलाज कर रहे हैं। मरीज चाहे उल्टी, दस्त, खांसी, बुखार से पीड़ित हो या फिर अन्य कोई बीमारी से। सभी बीमारियों का इलाज यह झोलाछाप डॉक्टर करने को तैयार हो जाते हैं। खास बात यह है कि अधिकतर झोलाछाप डॉक्टरों की उम्र 23 से 32 साल के बीच है। मरीज की हालत बिगड़ती है तो उससे आनन फानन में , जिला अस्पताल बुरहानपुर भेज दिया जाता है। जबकि यह लापरवाही स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों की जानकारी में भी हैं।
बिना लाइसेंस के दवाओं का भंडारण भी करते हैं डॉक्टर झोलाछाप चिकित्सकों द्वारा बिना पंजीयन के एलोपैथी चिकित्सा व्यवसाय ही नहीं किया जा रहा है। बल्कि बिना ड्रग लाइसेंस के दवाओं का भंडारण व विक्रय भी अवैध तरीके से भंडारण रहता है। भांडेर अनुभाग में स्वास्थ्य विभाग द्वारा कई सालों से अवैध रूप से चिकित्सा व्यवसाय कर रहे लोगों के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई। इन दिनों मौसमी बीमारियों का कहर है। झोलाछाप डॉक्टरों की दुकानें मरीजों से भरी पड़ी है। गर्मी और तपन बढ़ने के कारण इन दोनों उल्टी, दस्त, बुखार, जैसी बीमारीया ज्यादा पनप रही है। झोलाछाप इन मर्जो का इलाज ग्लूकोस की बोतलें लगाने से शुरू करते हैं। एक बोतल चढ़ाने के लिए इनकी फिस 170 से 260 रुपए तक होती है। मनमानी फीस वसूलने के बाद जब मरीज कि हालत बिगड़ जाती है तों यह फर्जी डॉक्टर हाथ खड़े कर लेते हैं
*धुलकोट से संवाददाता दिलीप बामनिया कि रिपोर्ट*