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कौशाम्बी पुलिस की नई रणनीति से बढ़ी अपराध पर लगाम, सर्विलांस टीम बनी बड़ा हथियार

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News By- हिमांशु उपाध्याय / नितिन केसरवानी

जनपद कौशांबी में अपराध नियंत्रण और घटनाओं के त्वरित अनावरण के लिए एक नया अध्याय लिखा जा रहा है। पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार और अपर पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार सिंह के कुशल नेतृत्व में जनपद पुलिस ने अपराधियों के खिलाफ एक नई रणनीतिक दिशा अपनाई है, जिसका परिणाम अब स्पष्ट रूप से दिखने लगा है।

नई रणनीति के चलते निम्न घटनाओं का हुआ खुलासा

1- 15 मई को थाना कोखराज में चार करोड़ की लूट कर ड्राइवर की हत्या का खुलासा

2- करारी थाना अंतर्गत 16 मई को गायब तीन लड़कियों को सकुशल बरामद किया।

3-24 मई को कोखराज थाना अंतर्गत असली सोना दिखाकर 15 लाख का नकली सोना देकर फर्जीवाड़ा की घटना का अनावरण करते हुए 15लाख बरामद और आरोपियों की गिरफ्तारी

4- ठगी के शिकार हुए 17 लोगों के रु 6.62 लाख की राशि साइबर थाना ने बरामद किया।

5- सराय अकिल थाना अंतर्गत 23मई 65 वर्षीय महिला की ब्लाइंड मडर का 24 घंटे में खुलासा करते हुए आरोपी को गिरफ्तार किया।

रणनीति बदली, परिणाम चमकने लगे

परंपरागत तरीकों से आगे बढ़ते हुए कौशांबी पुलिस ने सर्विलांस तकनीक को अपनी जांच प्रक्रिया का अभिन्न हिस्सा बनाया है। मोबाइल ट्रैकिंग, सीसीटीवी विश्लेषण, डिजिटल फूटप्रिंट की निगरानी जैसे तकनीकी साधनों को अब हर थाने की जांच प्रक्रिया में तेजी से शामिल किया जा रहा है।

लेकिन केवल तकनीक ही नहीं इस रणनीति में मानव संसाधन को भी सशक्त बनाया गया है। स्थानीय पुलिसकर्मियों को साइबर व तकनीकी प्रशिक्षण देकर उन्हें अधिक सक्षम बनाया गया है, ताकि वे मौके पर ही प्रभावी कार्यवाही कर सकें।

सर्विलांस टीम बनी साइलेंट फोर्स

इस पूरी कार्यप्रणाली में कौशांबी की सर्विलांस टीम एक चुपचाप लेकिन बेहद प्रभावशाली भूमिका निभा रही है। चाहे मोबाइल लोकेशन ट्रैक करना हो, संदिग्ध कॉल्स का विश्लेषण हो, या फिर डिजिटल साक्ष्यों को जोड़ना,

सर्विलांस यूनिट ने एक के बाद एक मामलों में अहम सुराग जुटाकर पुलिस को अपराधियों तक पहुंचाया है।

पुलिस अधीक्षक की सोच सिर्फ गिरफ्तारी नहीं, रोकथाम भी

SP राजेश कुमार का कहना है, पुलिसिंग का असली उद्देश्य सिर्फ अपराध के बाद गिरफ्तारी नहीं, बल्कि उससे पहले उसे रोकना होना चाहिए। हमारी टीम इसी सोच के साथ काम कर रही है कि कोई घटना हो ही न।

नके नेतृत्व में पुलिस केवल अपराध के अनावरण तक सीमित नहीं, बल्कि अपराध से पहले की गतिविधियों पर भी नजर रख रही है। संदिग्ध गतिविधियों की मॉनिटरिंग, असामाजिक तत्वों पर पैनी निगरानी और गांवों व कस्बों में सामुदायिक पुलिसिंग के माध्यम से अपराध की जड़ों को पकड़ा जा रहा है।

नए कौशांबी मॉडल की सराहना

जनपद में इस रणनीतिक परिवर्तन के सकारात्मक परिणाम भी सामने आए हैं अपराध दर में कमी, मामलों के त्वरित खुलासे, और जनता में पुलिस के प्रति बढ़ता विश्वास इसका प्रमाण हैं। स्थानीय नागरिकों का भी कहना है कि अब पुलिस ज्यादा सक्रिय, जवाबदेह और तकनीकी रूप से सक्षम नजर आती है।

रणनीति बदलने का परिणाम

कौशांबी पुलिस की यह नई कार्यप्रणाली न केवल अपराधियों के लिए खतरे की घंटी है, बल्कि प्रदेश के अन्य जनपदों के लिए एक प्रेरणादायक मॉडल भी बन रही है। यह साबित करता है कि जब नेतृत्व स्पष्ट हो, रणनीति ठोस हो और टीम समर्पित हो

 

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