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मध्य प्रदेश में एक और घोटाला::47 लोग मरने के बाद, 280 फिर से मृत घोषित किए गए 

सिवनी जिले में हुआ हैरान कर देने वाला घोटाला 

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मध्य प्रदेश में एक और घोटाला::47 लोग मरने के बाद, 280 फिर से मृत घोषित किए गए

 

सिवनी जिले में हुआ हैरान कर देने वाला घोटाला

 

कागजों में 280 बार मरे लोग, सांप बार-बार काटता रहा! 11 करोड़ रुपए का मुआवजा डकार गए अफसर

 

मध्य प्रदेश के सिवनी ज़िले में एक बेहद चौंकाने वाला और हैरान कर देने वाला घोटाला सामने आया है। यहां 47 लोगों को 2019 से 2022 के बीच 280 बार मृत दिखाया गया और हर बार प्राकृतिक आपदा राहत के नाम पर 4 लाख रुपए की राशि स्वीकृत की गई। इस तरह कुल मिलाकर करीब 11 करोड़ 26 लाख रुपए की गड़बड़ी की गई।

 

कैसे हुआ घोटाले का खुलासा?

 

यह घोटाला तब सामने आया जब राजस्व और लेखा विभाग ने नवंबर 2022 में एक ऑडिट किया। इस ऑडिट में पता चला कि सिवनी जिले के केवलारी तहसील में राहत राशि गलत तरीके से 280 बार निकाली गई थी।

 

 

क्या है प्राकृतिक आपदा राहत योजना?

 

यह योजना उन लोगों के परिवारों को आर्थिक सहायता देने के लिए है, जिनकी मृत्यु सांप के काटने, डूबने या बिजली गिरने जैसी प्राकृतिक आपदाओं से होती है। योजना के तहत पीड़ित परिवार को ₹4 लाख की सहायता दी जाती है।

 

किसने की यह धोखाधड़ी?

 

इस घोटाले का मास्टरमाइंड सचिन दहायत नाम का एक क्लर्क था, जो केवलारी तहसील कार्यालय में कार्यरत था। उसने मृतकों के नाम पर फर्जी दस्तावेज बनाकर राहत राशि को अपने रिश्तेदारों और परिचितों के बैंक खातों में ट्रांसफर किया।

 

द्वारका बाई नाम की एक महिला को 29 बार सांप के काटने से मृत दिखाया गया और हर बार 4 लाख रुपए जारी हुए — कुल 1.16 करोड़ रुपए।

 

श्री राम नाम के व्यक्ति को 28 बार मृत दिखाया गया और हर बार राहत राशि दी गई।

 

 

अब तक की कार्रवाई

 

अब तक 21 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं, जिनमें सचिन दहायत भी शामिल है।

 

कुल 37 लोगों के खिलाफ आरोप तय किए गए हैं।

 

सचिन को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है।

 

जांच रिपोर्ट में SDM अमित सिंह बमरोलिया और 2019 से 2022 के बीच केवलारी में तैनात चार तहसीलदारों के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की सिफारिश की गई है।

 

 

अधिकारी क्या कह रहे हैं?

 

जांच अधिकारी रोहित सिंह कौशल ने बताया: “हमने जांच में पाया कि 11.26 करोड़ रुपए की राशि 47 लोगों के नाम पर फर्जी तरीके से निकाली गई। अभी यह भी स्पष्ट नहीं है कि जिनके नाम पर पैसा निकला वे असल में जीवित हैं या नहीं, क्योंकि उनके पोस्टमॉर्टम और मृत्यु प्रमाण पत्र आज तक नहीं दिए गए हैं।”

 

सिवनी कलेक्टर संस्कृति जैन ने कहा: “घोटाले की विस्तृत जांच हो चुकी है और वित्त विभाग की ओर से रिपोर्ट जमा की जा चुकी है। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।”

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