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भारत के बाद इस देश में बजेगा अडानी का डंका, हासिल किया बिजली बनाने का बड़ा ठेका

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भारत के बाद इस देश में बजेगा अडानी का डंका, हासिल किया बिजली बनाने का बड़ा ठेका

DGPC भूटान की प्रमुख हाइड्रोपावर कंपनी है और देश की स्वच्छ ऊर्जा यात्रा में अहम भूमिका निभा रही है. वहीं, अडानी समूह हाइड्रोपावर परियोजनाओं के विकास, फंडिंग और मार्केट लिंकिंग में विशेषज्ञता रखता है. इस सहयोग से भूटान को भारत के बिजली बाजारों से जोड़ना आसान होगा.

 

अडानी समूह और भूटान की ड्रुक ग्रीन पावर कॉरपोरेशन (DGPC) ने भूटान में 5,000 मेगावाट की हाइड्रोपावर परियोजनाओं को संयुक्त रूप से विकसित करने के लिए एक महत्वपूर्ण समझौते (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं. यह समझौता दोनों देशों के बीच स्वच्छ ऊर्जा सहयोग को नई दिशा देगा.

 

यह एमओयू थिम्पू में DGPC के प्रबंध निदेशक दाशो छेवांग रिनज़िन और अडानी ग्रीन हाइड्रो लिमिटेड के मुख्य संचालन अधिकारी नरेश तेलगु के बीच साइन किया गया. इस मौके पर भूटान के प्रधानमंत्री दाशो शेरिंग तोबगे, ऊर्जा मंत्री ल्योनपो जेम शेरिंग और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.यह समझौता पहले से चल रही 570/900 मेगावाट वांगचू हाइड्रोपावर परियोजना पर आधारित है, जिसमें DGPC की 51% और अडानी की 49% हिस्सेदारी है.

 

क्या है इस साझेदारी का उद्देश्य?

अडानी और भूटान की ड्रुक ग्रीन पावर कॉरपोरेशन के बीच हुए इस करार के चलते भूटान में हाइड्रोपावर प्लांट स्थापित किया जाएगा और भूटान अपने साथ भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में मददगार होगा. वहीं इस परियोजना का भविष्य में विस्तार भी किया जा सकता है.

 

साझेदारों की राय

अडानी ग्रीन हाइड्रो के सीओओ नरेश तेलगु ने कहा, यह साझेदारी स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने और क्षेत्रीय ऊर्जा सुरक्षा मजबूत करने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है. हम भूटान को अपनी जलविद्युत क्षमता का बेहतर इस्तेमाल करने और भारत को विश्वसनीय हरित ऊर्जा निर्यात करने में मदद करेंगे.

 

DGPC के एमडी दाशो छेवांग रिनज़िन ने कहा, अडानी के साथ यह साझेदारी भूटान और भारत के घनिष्ठ संबंधों को और मजबूत करेगी. हमें खुशी है कि हम उनकी वैश्विक विशेषज्ञता से लाभ उठा सकते हैं.

 

क्षेत्रीय ऊर्जा सहयोग को बढ़ावा

DGPC भूटान की प्रमुख हाइड्रोपावर कंपनी है और देश की स्वच्छ ऊर्जा यात्रा में अहम भूमिका निभा रही है. वहीं, अडानी समूह हाइड्रोपावर परियोजनाओं के विकास, फंडिंग और मार्केट लिंकिंग में विशेषज्ञता रखता है. इस सहयोग से भूटान को भारत के बिजली बाजारों से जोड़ना आसान होगा.

 

यह परियोजना भूटान के 2040 तक 20,000 मेगावाट उत्पादन क्षमता प्राप्त करने के नवीकरणीय ऊर्जा रोडमैप के अनुरूप है, जिसमें सौर और भूतापीय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में विस्तार की योजना भी शामिल है.

 

इसके साथ ही, DGPC और अडानी ने वांगचू परियोजना के लिए शेयरधारक समझौते पर भी हस्ताक्षर किए हैं, जो दोनों देशों के बीच ऊर्जा सहयोग को मजबूती देगा.

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