भैयाथान में कहर बनकर टूटा तूफान: तेज आंधी-बारिश से पेड़ गिरे, छतें उड़ीं, जनजीवन अस्त-व्यस्त; स्कूल से लेकर कथा स्थल तक में तबाही
*भैयाथान में कहर बनकर टूटा तूफान: तेज आंधी-बारिश से पेड़ गिरे, छतें उड़ीं, जनजीवन अस्त-व्यस्त; स्कूल से लेकर कथा स्थल तक में तबाही*
*(शत्रुघन तिवारी)।* रविवार दोपहर बाद आसमान में अचानक काले बादल छा गए और कुछ ही पलों में मौसम ने ऐसा रुख बदला कि पूरा इलाका तेज आंधी, तूफान और झमाझम बारिश की चपेट में आ गया। तेज रफ्तार से चली हवाओं ने पेड़-पौधों से लेकर पक्के मकानों तक को नहीं बख्शा। कई शासकीय व निजी भवनों की छतें उड़ गईं और सड़कों पर पेड़ गिरने से यातायात पूरी तरह ठप हो गया। बहरहाल इस कुदरती तबाही ने कई लोगों की जिंदगी अस्त-व्यस्त कर दी है। छतों के उड़ने से लेकर पेड़ों के गिरने तक, हर तरफ नुकसान ही नुकसान हुआ है। अब सबकी नजरें प्रशासन की राहत व्यवस्था और मुआवजा प्रक्रिया पर टिकी हैं
*कुसमुसी मार्ग बना जाम का जाल*
केवरा के पास एक विशाल बबूल का पेड़ तेज हवाओं के झोंकों से सड़क पर आ गिरा, जिससे घंटों तक मार्ग अवरुद्ध रहा। इस कारण वाहनों की लंबी कतारें लग गईं और लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
*भागवत कथा में आई बाधा, श्रद्धालु हुए परेशान*
कोयलरी में चल रही भागवत कथा तेज बारिश और हवा के कारण अचानक बाधित हो गई। श्रद्धालु टेंट व पंडालों को संभालने में जुटे रहे, लेकिन तूफान की ताकत के आगे सब बेबस दिखे।
*घरों की छतें उड़ीं, लोगों की नींद उड़ी*
कोयलारी निवासी संत कुमार दुबे और सतानंद दुबे के मकानों की छत पर लगीं भारी कॉन्क्रीट सीटें तेज हवा के कारण उखड़ गईं और दूर जा गिरीं। दोनों परिवारों को भारी नुकसान उठाना पड़ा और घर में रखा सामान भीग गया।
*विद्यालय परिसर में उड़कर गिरी सीट, बिजली विभाग में मचा हड़कंप*
कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय के आंगन में लगी प्लास्टिक की छतें उड़ीं और पास ही स्थित विद्युत विभाग कार्यालय की छत पर जा गिरीं। इससे कर्मचारियों में अफरा-तफरी मच गई। सौभाग्य से कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन भवन को नुकसान पहुंचा।
*फसलों और आम के बौर को भी नुकसान, किसानों की चिंता बढ़ी*
तेज हवा और बारिश के कारण खेतों में खड़ी फसलों को भी नुकसान पहुंचा है। आम के पेड़ों पर लगे बौर झड़ गए हैं, जिससे किसानों को भारी आर्थिक हानि का अंदेशा है।