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रामानुजगंज मुस्लिम समाज ने आतंकवाद और पाकिस्तान का फुका पुतला।

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रिपोर्टर -मो. रागिब खान

 

स्थान रामानुजगंज

 

स्लग – रामानुजगंज मुस्लिम समाज ने आतंकवाद और पाकिस्तान का फुका पुतला।

एंकर – बलरामपुर – रामानुजगंज 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के विरोध में शुक्रवार को रामानुजगंज के मुस्लिम समाज और युवाओं के द्वारा शहर के जामा मस्जिद से रैली निकाल कर आतंकवादी हमले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले के विरोध में रामानुजगंज के मुस्लिम समाज में भी भारी आक्रोश देखा गया रामानुजगंज के मुस्लिम समाज के लोगों ने शहर के जामा मस्जिद में जुम्मे की नमाज अदा करने के बाद जामा मस्जिद से रैली निकालकर पाकिस्तान मुर्दाबाद आतंकवाद मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए लरंग साय चौक पहुंचे और विरोध प्रदर्शन करते हुए पाकिस्तान और आतंकवाद का पुतला फुका इस विरोध प्रदर्शन में जमरूद्दीन मंसूरी, खलीक अहमद, कदम रसूल, नइम मंसूरी, बिलाल अंसारी, तौकीर रजा, एजाज अंसारी, कलाम मंसूरी, सद्दाम मंसूरी, शाहबाज खान, जावेद अंसारी, एहसान अंसारी, असलम अंसारी, मुबारक अंसारी, सलमान खान, इम्तियाज़ खान (बड़कू), शहाबुद्दीन खलीफा, मो. रागिब खान, सनी मंसूरी शहित सैकड़ो की संख्या में मुस्लिम समाज के लोग मौजूद रहे।

 

*मुस्लिम समाज के लोगों ने आतंकी हमले का किया कड़ा विरोध*

*अंजुमन कमेटी के सेक्रेटरी मो. खालिक अहमद* ने बताया इस प्रकार की घटनाएं किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जा सकती और आतंक फैलाने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए दुख की इस घड़ी में हम सभी पीड़ित परिवारों के साथ खड़े हैं। ईश्वर से दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान करने और परिजनों को इस अपूर्णीय क्षति को सहने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना करते है। और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की भी कामना करते हैं ऐसी घटनाएं हमारे देश की एकता और अखंडता को नहीं डिगा सकतीं।

 

 

*अंजुमन कमेटी के सदस्य जमरूद्दीन मंसूरी* ने पाकिस्तानी आतंकवादियों के इस कायराना हरकत आक्रोश दिखाते हुए कहा कि छोटी मानसिकता वाले आतंकवादियों ने पर्यटकों की हत्या की है, जिसका रामानुजगंज का मुस्लिम समाज कड़ा विरोध करता है। किसी भी सूरत में आंतकवादियों को बख्शा नहीं जाना चाहिए हम भारत सरकार से मांग करते हैं कि आतंकवादियों के इस कायराना हरकत पर कड़ी से कड़ी और कठोर से कठोर कार्रवाई करनी चाहिए जिस तरह से उन्होंने भारत के निहत्थे सैलानियों पर वार किया है वैसे ही खून का बदलाव खून से होना चाहिए ताकि अगली बार कोई भी आतंकवादी भारत में हमला करने से पहले हजार बार सोचे।

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