PRIMES TV NEWS
Breaking News in Primes

मां छोले वाली मैया के दर्शन को पैदल आते हैं भक्त

0 25

मां छोले वाली मैया के दर्शन को पैदल आते हैं भक्त

 

रायसेन जिले के नगर के ग्रामीण क्षेत्र के सिद्धांत ग्राम खंडेरा मां छोले

 

*दैनिक प्राईम संदेश जिला ब्यूरो चीफ राजू बैरागी जिला *रायसेन*

 

कस्बा सांचेत से 6 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम खंडेरा मां छोले वाली मैया के दर्शन करने सुबह 4 बजे से ही लग जाता है भक्तों का ताता निराली है मां छोले वाली की महिमा आस्था- दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं माता के दर्शन करने, नवरात्र पर्व पर लगता है भक्तों का मेला

जिला मुख्यालय रायसेन शहर से लगभग 18 किलो मीटर दूर सागर रोड पर ग्राम खण्डेरा स्थित सुप्रसिद्ध प्राचीन स्थल माँ छोले वाली के दरबार में नवरात्रि पर्व पर भक्तों की लंबी कतार लग रही है। शहर एवं आसपास के जिलों से बड़ी संख्या में माता के भक्त दर्शनों के लिए पहुंच रहे हैं पंडित अरुण शास्त्री सांचेत बालों ने बताया रायसेन जिले के नगर के ग्रामीण क्षेत्र के कस्बा सांचेत कस्बा नकतरा चौराहा से कई श्रद्धालु पिंड भरते एवं कई श्रद्धालु पैदल यात्रा कर मां छोले वाली मातारानी दरबार में पहुंच रहें हैं। हर साल दोनों नवरात्रि पर्व पर इसी तरह की स्थिति मातारानी के दरबार में रहती है। यह विशाल देवी मंदिर भक्तों की श्रद्धा आस्था का केन्द्र बन गया है। मंदिर में छोले वाली मैया पांच पिंडी के रूप में विराजमान है। वर्तमान में माता के भक्तों ने यहां पर विशाल एवं सुंदर मंदिर का निर्माण कराया है।

इस मंदिर को उत्तर भारत के कोबोल आकार में आकृति दी गई है। मान्यताओं के अनुसार यहां पर आने वाले सभी भक्तों की मुरादें पूरी होती हैं और माता के दर्शन कर श्रद्धालु प्रसन्नचित होकर जाते हैं।

अभी फिलहाल माता रानी दरबार में मेला लगा हुआ है। जिसमें प्रसाद आदि की दुकाने मेले में लगी हुई है।

वर्षों पुराना है मंदिर का इतिहास

इस मंदिर का इतिहास कई साल पुराना है। बुर्जुगों द्वारा बताया जाता है कि खण्डेरा में एक बार प्लेग नामक बीमारी पूरे गांव में फैल गई थी। इस बीमारी से ग्रामवासी बहुत परेशान हो रहें थे। तब सभी ग्रामवासियों ने बचाव के लिए छोले के वृक्ष के नीचे स्थित माता के स्थान पर विशेष पूजन का आयोजन किया और यहां के लोगों को इस बीमारी से राहत मिली। तभी से आसपास के गांव में भी माता के प्रति श्रद्धाभावना अधिक बढ़ गई।

श्रद्धालुओं ने वहां मंदिर का निर्माण कर माता की पांचो पिंडियों को स्थापित किया। तब से इस मंदिर की ख्याति जिले से लेकर प्रदेश भर में फैल गई है।

शारदीय नवरात्र व चैत्र नवरात्र में माता रानी के भक्तों द्वारा विशाल देवी जागरण का आयोजन भी किया जाता है। विशेष कन्या भोज, खीर, प्रसाद वितरण, भण्डारा आदि के आयोजन नौ दिनों तक होते है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.

Don`t copy text!