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प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बंद रहता है ताला मरीजों को नहीं मिलता इलाज

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सरकार से वेतन लेने वाले चिकित्सा प्रभारी निजी नर्सिंग होम में करते हैं इलाज

News By- नितिन केसरवानी

प्रयागराज। बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था बनाए रखने के लिए योगी सरकार द्वारा अधिकारियों को समय-समय पर आवश्यक दिशा निर्देश प्राप्त होते रहते हैं। इसके बावजूद रसूलाबाद उर्फ कोइलाहा स्थित पूरामुफ्ती प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा प्रभारी योगी सरकार की मंशा पर पानी फेर रहे हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो गई है। स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के लिए आने वाले मरीज चिकित्सकों की मौजूदगी न होने के कारण बिना इलाज के वापस लौट जाते हैं। वार्डबॉय और फार्मासिस्ट महज खानापूर्ति के लिए कुछ घंटे स्वास्थ्य केंद्र में आकर बैठते हैं फिर ताला बंद करके चले जाते हैं।

मरीज आते हैं तो स्वास्थ्य केंद्र के दरवाजे पर ताला लटकता हुआ देखकर मायूस हो जाते हैं इलाज का अभाव होने से वापस लौट जाते हैं फिर इलाज के लिए आस – पास मौजूद निजी नर्सिंग होम का सहारा लेते हैं। सही मायने में मरीजों को इस अस्पताल में इलाज मिलना मुश्किल हो गया है। इतना ही नहीं पूरामुफ्ती प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की स्वास्थ्य व्यवस्था को चिकित्सकों ने भगवान भरोसे छोड़ दिया है। जिस कार्य के लिए सरकार से चिकित्सक हर महीने लाखो रुपए वेतन ले रहे हैं वही कार्य करने में शर्म संकोच महसूस करते हैं।

मरीजों की सेवा करने के लिए सरकार द्वारा चिकित्सकों के ऊपर प्रति वर्ष करोड़ों रुपए वेतन के रूप में खर्च किया जाता है इसके  बावजूद चिकित्सक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज करने नहीं आते बल्कि निजी नर्सिंग होम में इलाज करने में गौरवान्वित महसूस करते हैं। एक एंबुलेंस चालक ने नाम न छापने की शर्त पर दबी जुबान से बताया कि पूरामुफ्ती प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा प्रभारी महीने में गिने चुने दिन आते हैं बाकि दिन निजी नर्सिंग होम में इलाज करते हैं। सरकार से वेतन लेकर निजी नर्सिंग होम में इलाज करने वाले पूरामुफ्ती प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा प्रभारी को बर्खास्त करने की मांग इलाके के लोगों ने किया है।

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