जिस स्थिति में रहे वहा प्रसन्न रहना चाहिए- बापूजी
राजू पटेल कसरावद (खरगोन)
अयोध्या धाम बैरागढ़ लेपा पुनर्वास में चल रही 9 दिवसीय संगीतमय श्रीराम कथा के आठवें दिन मंगलवार को सद्गुरु श्री दिनेशानंद जी बापू ने कहा कि जिस स्थिति में रहे वहा प्रसन्न रहना चाहिए जहा भी रहो प्रसन्न रहो क्यों कि भगवान वन में थे तब भी बड़े प्रसन्न थे और राजतिलक हुआ जब भी प्रसन्न थे,स्थिति परीस्थिति कोई सी भी हो उसमें एक समान रहना चाहिए यह शिक्षा हमें भगवान से ग्रहण करना चाहिए कि महल में रहे तो भी वहीं खुशी और वन में थे तब भी वही खुशी,श्री बापू जी ने कहा कि जो भगवान से बेर करता है,भगवान का अपराध करता है उसके लिए रिश्ते नाते जितने भी होते हैं सब विपरीत हो जाते हैं अमृत भी विष जाता है,घर श्मशान जैसा हो जाता है, माता मृत्यु के समान हो जाती है और मित्र लोग सो दुश्मन के समान हो जाते हैं यहां तक कि गंगा जल भी बिल्कुल वेदरणी नदी की तरह हो जाता हे,इस लिए भगवान से प्रेम करो उनका सत्संग करो,घर स्वर्ग बन जाएगा,इस दौरान द्वारकादास बापू जी भी कथा में पधारे जिनका राम मंदिर समिति के द्वारा स्वागत किया गया
बुधवार को पूर्णाहुति
बुधवार की प्रातः महायज्ञ,11 बजे पूर्णाहुति व महाप्रसादी व शाम को दीप उत्सव के साथ प्रतिष्ठा पर्व मनाया जाएगा।