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मनुष्य बनाने का रास्ता केवल धर्म,ज्ञान,संस्कार और श्रीराम कथा ही दिखा सकती है- बापूजी

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मनुष्य बनाने का रास्ता केवल धर्म,ज्ञान,संस्कार और श्रीराम कथा ही दिखा सकती है- बापूजी

 

अयोध्या धाम बैरागढ़ लेपा पुनर्वास में चल रही है संगीतमय श्रीराम कथा….

 

राजू पटेल कसरावद(खरगोन)

 

ढलते हुए सूरज को देखकर हर कोई अपने घर की लाइट जला देता है मगर ढलती हुई उम्र देखकर भी अपनी आत्मा की लाइट जलाने की कोशिश कोई नहीं करता,उक्त बात अयोध्या धाम बैरागढ़ ग्राम लेपा पुनर्वास में चल रही सात दिवसीय संगीतमय श्रीराम कथा में कथावाचक सदगुरु श्री दिनेशानंद बापू ने कथा के चतुर्थ दिवस शुक्रवार को कही,उन्होंने कहा कि कर्म ही मोक्ष की गठरी है,जब हम अपनी चिंता को आस्था में परिवर्तित कर देते हैं तब ईश्वर हमारे संघर्ष को आशीर्वाद में परिवर्तित कर देते हैं,कथा में आपका विश्वास पुष्ट होना चाहिए,मानव जीवन का लाभ आत्मा के बोध से ही संभव होता है,उन्होंने कहा कि संसार का दूसरा नाम समस्या एवं ईश्वर का दूसरा नाम है समाधान,हर उलझन और तकलीफ में अपने ईष्ट का स्मरण करते रहिए,यह अटल सत्य हैं कि जैसे बछड़ा,सौ गाय में अपनी मां को ढूंढ लेता है उसी प्रकार कर्म भी अपने कर्ता को ढूंढ लेते हैं इसी लिए कर्म करते वक्त जरूर सोचना चाहिए कि इसका फल भी मुझे ही भोगना है,रात जितनी काली होती है तारे उतने ही चमकीले होते हैं दुख जितना गहरा होता हे ईश्वर उतना करीब होता है,भक्ति जब भोजन में प्रवेश करती है तो वह प्रसाद बन जाती है और भक्ति जब हृदय में प्रवेश कर तो ईश्वर से लगाव हो जाता हे,प्रभु की चर्चा के शब्द ही हमें विवेक,ज्ञान, और भक्ति की ओर ले जाते हैं,जीवन की तपस्या में जब भी कोई अवरोध करेगा तो वह हे अशक्ति,भगवान सहज हे केवल विश्वास,प्रेम,श्रद्धा और भाव का रूप है जब तक आपके हृदय में इन भावनाओं की उत्पत्ति नहीं होगी तब तक आपको भगवान की अनुभूति नहीं होगी,श्री बापू जी ने कहा की कुल मिलाकर आज की कथा का सार यही है कि जीवन के व्यवहार में कर्म का महत्व है और परमार्थ में भाव का महत्व है गूगल पूरी दुनिया को रास्ता दिखा सकता है पर मनुष्य बनाने का रास्ता केवल धर्म, ज्ञान,संस्कार और श्रीराम कथा ही दिखा सकती है,क्योंकि

 

*अंधेरे में अपनी छाया भी साथ नहीं देती !*

*बुढ़ापे में अपनी काया भी साथ नहीं देती!*

*सारा जीवन दाव पर लगा दिया जिसके लिए!*

*अंत समय में वह माया भी साथ नहीं देती!!*

 

यह कथाएं हमें यही संदेश देती है,इस दौरान ग्राम सहित बड़ी संख्या में आसपास के ग्रामीण कथा सुनने के लिए पहुंच रहे हैं

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