दोहरे चरित्र से बचे_मीरा बेन
कसरावद में नौ दिवसीय श्रीमद देवी भागवत का हुआ समापन
राजू पटेल कसरावद(खरगोन)
दोहरा चरित्र नहीं होना, इससे हमें बचना चाहिए। जो हमारे मन में हे, वही हमारी जुबान पर भी होना चाहिए।जिनका दोहरा चरित्र हो उससे हमे बच कर रहना चाहिए।उक्त बात भगवताचार्य मीरा बैन भट्ट ने कसरावद नगर के विश्वास जिनिंग परिसर में श्रीमद भागवत ज्ञान गंगा समिति द्वारा आयोजित श्रीमद देवी भागवत कथा के समापन दिवस पर व्यास पीठ से कही। उन्होंने कहा कि मकर संक्रांति के दिन किया हुआ दान अक्षय होता है। मतलब उसका पुण्य कभी क्षय नहीं होता है। उन्होंने मां भगवती के नौ रूपों एवं नौ दिवसों में मां को लगाए जाने वाले भोग के बारे में विस्तार से बताया। शनिवार को नौ दिवसीय कथा के समापन हुआ। कथा के यजमान पप्पू मंडलोई ने सपत्नीक व्यास पीठ का पूजन किया। इसके साथ ही समिति सदस्यों ने मां भगवती को वस्त्र दान कर भगवताचार्य मीरा बैन का सम्मान किया। इसके पश्चात अतिथियों एवं मीडियाकर्मियों का शाल श्रीफल से सम्मान किया गया। सम्मान समारोह के बाद महाआरती कर महाप्रसादी का वितरण किया गया। कार्यकम का संचालन कोषाध्यक्ष नरेंद्र पाटीदार ने एवं आभार सचिव सुधीर सराफ ने माना। समिति के अध्यक्ष अध्यक्ष नत्थू पाटीदार, प्रकाशचंद मंडलोई, राजीव सोहनी, मनोज सराफ, लक्ष्मण कुशवाह, गौरव सोनी, राधे कुशवाह, ललित सोनी, रामेश्वर यादव, मुकेश पाटीदार, मुकेश सोनी, भुवानीराम कुशवाह, भुवानीराम पाटीदार, पढ़री कुशवाह सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।