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जनपत पंचायत जांच अधिकारियों ने कहा शिकायत निराधार…..फिर पहुंचे ग्रामीण जनदर्शन….एडिशनल सीईओ ने कहा….

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जनपत पंचायत जांच अधिकारियों ने कहा शिकायत निराधार…..फिर पहुंचे ग्रामीण जनदर्शन….एडिशनल सीईओ ने कहा….

रायगढ़/लैलूंगा
ग्रामीणों की बड़ी आरोप है रायगढ़ जिल अंतर्गत जनपत पंचायत लैलूंगा अंतर्गत ग्राम पंचायत पोतरा पर हो रहे सभी विकास कार्यों में भ्रष्टाचार पर बोलबाला है।
पंचायत के मुख्या सरपंच , सचिव व ग्राम पंचायत विभाग के अधिकारी मिलकर जनता की अधिकारों को हनन किया जा रहा है, जनता के विकास को खुलेआम लूट रहे हैं,

बड़ी आरोप है कि जब कोई व्यक्ति इस लूट के विरुद्ध शीर्ष अधिकारियों से शिकायत करता है तो वह अधिकारी कुछ समझौता करा कर लेकर सारे मामले को लिपापोती कर देता है,
जिसके कारण दोषियों के विरुद्ध कोई कारवाही नहीं होती है, कुछ लोगों ने पंचायत के भ्रष्ट अधिकारोंयों के विरुद्ध जंग तो लड़ी है लेकिन उन्हें अभी तक कोई सफलता प्राप्त नही मिली है,
चलिए आपको बताना चाहते हैं कुछ ऐसे गांव की दुःख भरी कहानी… (लैलूंगा) पोतरा पंचायत के ग्रामीण जिला मुख्यालय के चक्कर लगाने से परेशान, बार-बार मिल रही तारीख से परेशान नजर आए, आखिरकार क्यों नहीं होती कारवाही? ग्रामीणों की बड़ी आरोप है कि जांच बयान बदलकर जनपद के जिम्मेदार अधिकारियों ने एक शराबी को गलत बयान लिखवाकर जिला मुख्यालय प्रेषित किए, जिससे ये सब कुछ गलत करने की गांव वालों को कोई भनक नहीं लगी, हीरा लाल सिदार/गजाधर सिदार निवाशी ग्राम पंचायत पोतरा को शराब पिलाकर गलत लिखित बयान लिखवाया गया,

जनपद के जांच अधिकारियों ने हीरा लाल सिदार को शिकायत आवदेन को कोरा कागज में हस्ताक्षर करवाया कहा गया है कहकर आवेदन को निराधर, गलत है लिखित बयान ले लिया और उसे जिला जनपद प्रेशित किया गया जब ग्रामीण शिकायकर्ताओं के कहे अनुसार कि हीरा लाल सिदार ने अपने होसों हवासों से आवदेन शिकायत आवदेन पत्र के पीछे (बैक) साइड में ही हस्ताक्षर किया था, जांच टीम आई उस दिन हीरा लाल सिदार ने शराब की सेवन की थी।
जिला एडिसनल सी.वो.ने कहा बच्चों जैसी जांच करती है लैलूंगा के जांच आधिकारी… इसकी जांच की जाएगी।

एक व्यक्ति ने सैकड़ों ग्रामीणों को बेकार साबित कर दिया और उनके जांच बयान को छुपा दिया शिकायकर्ता को कोई शिकायत नहीं है, जिला मुख्यालय को प्रेषित कर दिया गया और उनके शिकायत आवेदन को निराधार बताया गया,

ग्रामीणों का कहना है कि “उन्होने भ्रष्टाचार के खिलाप के बाद गडबड़ी सामने आ चुकी है लेकिन शिकायत के बाद भी कोई जिम्मेदार अधिकारियों का इस मामले में कोई कारवाही ना करना भ्रष्टचारियों को जीवन दान देना ही रह गया है, सरपंच, सचिव करोड़ों रु की गबन करने के बाद भी बेखॉप, निडर से जनपद के अधिकारी की मिली जुली प्रतिक्रिया व्यक्त करते हैं, अधिकारियों की जांच में गबन सामने आने के बाद भी महीनों बाद भी दोषी सरपंच सचिव पर कार्यवाई न होना कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा कर रहा है।
पूर्व की पत्र
लगता है कि शासन प्रतिमाह मानदेय राशि इन्ही सब कार्यों के लिए दिया जाता है, आखिर जिम्मेदार अधिकारी भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई क्यों नहीं करते??
जिसके कारण सरपंच सचिव अब भी पद पर बने हुए हैं। लिहाजा अब देखना होगा कि कब तक ग्रामीणों को सही न्याय मिलेगा ? या जांच के ऊपर जांच बैठी रहेगी।।
बाइट: राजेन्द्र सिदार, विष्णु सिदार, भुनेश्वर सिदार, लोकेश्वर सिदार, चैत राम भगत, रामकुमार पहाड़ी और ग्रामवासी पोतरा

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