कोसला सोसायटी से अलग होकर भदरा सोसायटी में शामिल हुआ ग्राम डूडगा, गांव में मिठाई केक काट कर मनाया गया जश्न
*कोसला सोसायटी से अलग होकर भदरा सोसायटी में शामिल हुआ ग्राम डूडगा, गांव में मिठाई केक काट कर मनाया गया जश्न, भारतीय मानवधिकार ट्रस्ट के प्रदेश अध्यक्ष सरयू प्रसाद पूरे को पहनाया गया ताज*
. रिगनी / खरौद जांजगीर चांपा जिले के पामगढ़ क्षेत्र के ग्राम डूडगा के किसानों को धान बिक्री और अन्य कृषि कार्यों के लिए दूर स्थित कोसला सोसायटी जाना पड़ता था जबकि कोसला से नजदीक भदरा सोसायटी पड़ता है! जिससे ग्राम डूडगा के किसानों को इस समस्या की मार 30 सालों से झेलना पड़ रहा था ! जिसके बाद भारतीय मानवधिकार ट्रस्ट के प्रदेश अध्यक्ष सरयू प्रसाद पूरे के नेतृत्व में ग्राम डूडगा को कोसला सोसायटी से पृथक कर भदरा सोसायटी में शामिल करने की मांग को लेकर आंदोलन शुरू किया गया , जहां जनदर्शन, और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के पास आवेदन किया गया, इसके बाद चक्का जाम की भी नौबत आई फिर प्रशासन के दखल और मांग को पूरा करने संबंधित आश्वासन के बाद चक्का स्थगित कर दिया गया था, तीन महीने की इस लड़ाई के बाद आखिरकार ग्राम डूडगा को कोसला सोसायटी से पृथक कर भदरा सोसायटी में शामिल किया गया! जहां ग्राम डूडगा के किसानों में खुशी का माहौल है! और भारतीय मानवधिकार ट्रस्ट के प्रदेश अध्यक्ष सरयू प्रसाद पूरे को ताज पहनाकर केक काट कर खिलाया गया
भारतीय मानवाधिकार ट्रस्ट द्वारा ग्राम पंचायत डूडगा के किसानों के हित में किए गए कार्यों की सराहना वाकई प्रशंसनीय है। प्रदेश अध्यक्ष सरयू प्रसाद पूरे के कुशल नेतृत्व में किसानों को धान विक्रय और कृषि संबंधी अन्य कार्यों में जो राहत मिली है, वह दर्शाता है कि संगठन न केवल जनहित के मुद्दों को समझता है, बल्कि उनके समाधान के लिए ठोस कदम भी उठाता है।
30 वर्षों से चली आ रही समस्याओं का समाधान कर, किसानों को लंबी कतारों से छुटकारा दिलाना एक बड़ा कदम है। इसके साथ ही, शासन की योजनाओं को अंतिम छोर के व्यक्तियों तक पहुंचाने का कार्य समाज के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। जांजगीर चांपा जिले के पामगढ़ क्षेत्र के ग्राम पंचायत डूडगा के किसानों और ग्रामवासियों द्वारा भारतीय मानवाधिकार ट्रस्ट को सम्मानित करना उनके विश्वास और आभार का प्रतीक है। यह ट्रस्ट के उन कार्यों की स्वीकृति है, जो समाज के कमजोर और जरूरतमंद वर्गों को सशक्त बनाने में सहायक हैं ऐसे प्रयास न केवल किसानों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाते हैं, बल्कि यह समाज में एक प्रेरणा के रूप में कार्य करते हैं। इस दौरान गांव के किसान और भारतीय मानवधिकार ट्रस्ट के सदस्य उपस्थित थे!