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ब्यावरा CBMO जलालुद्दीन शेख को नहीं, मुख्यमंत्री के आदेश की चिंता 

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ब्यावरा CBMO जलालुद्दीन शेख को नहीं, मुख्यमंत्री के आदेश की चिंता 

 

झोलाछाप डॉक्टर लोगों की जान से कर रहे खिलवाड़, नियम विरुद्ध संचालित कर रहे क्लिनिक 

 

मनीष कुमार राठौर / 8109571743

 

ब्यावरा / भोपाल । भोपाल संभाग का जिला राजगढ़ स्वास्थ्य व्यवस्था में आदिवासी जिले से भी पीछे है कारण है अधिकारी कर्मचारियों की लचर कार्यप्रणाली, आपको बता दे कि जिलें के मुख्य शहर ब्यावरा के सिविल अस्पताल की जब से कमान शेख साहब ने संभाली है तब हॉस्पिटल की हालत बाद से बत्तर हो गई है । वही शहर और ग्रामीण इलाकों में बिना डिग्री और बिना रजिस्ट्रेशन के झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा क्लीनिक संचालित की जा रही है। ब्यावरा शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में झोलाछाप डॉक्टर सभी बीमारियों का इलाज कर रहे है। यहां तक कि मुख्यमंत्री के आदेश के बाद भी इन पर अब तक स्वास्थ्य विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की है। ब्यावरा ब्लॉक व ग्रामीण अंचलों में बुखार, उल्टी, दस्त मलेरिया, दाद खाज और खुजली के अलावा सांस के गंभीर मरीजों का इलाज झोलाछाप डॉक्टर कर रहे हैं। इन डॉक्टरो के पास ना तो डिग्री है, लेकिन बड़ी से बड़ी गंभीर बीमारियों का इलाज करने का दावा करते हैं, और यह झोलाछाप डॉक्टर भोलेभाले लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। कई जगह झोलाछाप डॉक्टरों के अलावा नाबालिक परिजन भी दवाईयां करते हैं झोलाझाप डॉक्टरों ने जगह जगह अस्पताल तक खोल रखे हैं।

 

 

ग्रामीण अंचलों में बड़ी संख्या में झोलाछाप डॉक्टर क्लीनिक खोले हुए हैं, ब्यावरा सुठालिया सहित अन्य ग्रामीण क्षेत्र नगर व ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले गांव में झोलाछाप क्लिनिक खोले हुए हैं जो अपने दवाखाने में बड़ी से बड़ी गंभीर बीमारी का इलाज करने का दावा ग्रामीणों से करते है, इनके पास डिग्री भी नहीं है फिर भी वह ग्रामीणों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। वही स्वास्थ्य विभाग मुख्यमंत्री के आदेश के बाद भी इन झोलाछाप डॉक्टरों की क्लीनिक पर कार्यवाही भी नहीं करता, जिससे शहर व ग्रामीण अंचलों में झोलाछाप डॉक्टरों की संख्या बढ़ती ही जा रही है।

 

 

यह कहती है गाइडलाइन

 

जबकि गाइडलाइन के अनुसार विपरीत अयोग्य, अनाधिकृत, अपंजीकृत और मेडिकल काउंसलिंग ऑफ इंडिया में पंजीयन कराए बिना एलोपैथी, आयुर्वेदिक होम्योपैथी और यूनानी चिकित्सा के माध्यम से बीमार लोगों का इलाज किया जाना गैरकानूनी है और ऐसा करने वालों पर सुसंगत धाराओं में एफआईआर दर्ज करने का प्रावधान है। इसके लिए सीबीएमओ स्तर से क्षेत्रवार नोडल अधिकारी भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा तैनात किए गए हैं फिर भी मिलीभगत के चलते स्वास्थ्य विभाग इन पर कोई कार्यवाही नहीं करता।

 

 

कई मरीज गंवा चुके जान 

 

शहर में कई बार देखने को मिला है नियम विरुद्ध चलने वाले झोला छाप डॉक्टरो की अस्पतालों में कई मरीज ने दम तोड़ा है दम तोड़ने के बाद झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा सिविल अस्पताल ब्यावरा में रेफर कर दिया जाता है लेकिन स्वास्थ्य विभाग के कानों पर जू नहीं रेंग रही ।

 

कॉल किया गया था परंतु जानकारी देने के बचाने के लिए कॉल नहीं उठाया गया । 

 

सीबीएमओ जलालुद्दीन शेख ब्यावरा जिला राजगढ़

 

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