सुरक्षित व बन्द किए जाएंगे अनुपयोगी खुले बोरवेल व ट्यूबवेल।
दुर्घटनाओं को रोकने कलेक्टर सीधी ने जारी किया आदेश।
*अरविंद सिंह परिहार सीधी*
जिले में अनुपयोगी खुले नलकूपों एवं बोरवेल में छोटे बच्चों के गिरने संबंधी दुर्घटनाओं को दृष्टिगत रखते हुए कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी स्वरोचिष सोमवंशी ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 163 (1) के अंतर्गत प्रदत शक्तियों का प्रयोग करते हुए अनुपयोगी एवं खुले बोरवेल तथा ट्यूबवेल में छोटे बच्चों के गिरने की दुर्घटनाओं को रोकने व नियंत्रण की कार्यवाही हेतु सम्पूर्ण सीधी जिले की सीमाओं में आगामी आदेश पर्यन्त तक आदेश पारित किया है।
आदेश जारी कर समस्त उपखण्ड दण्डाधिकारियों को निर्देशित किया गया है अपने क्षेत्रांतर्गत अनुपयोगी एवं खुले नलकूप बोरवेल तथा ट्यूबवेल की जानकारी एकत्रित कर उन्हें सुरक्षित रूप में बंद करने की कार्यवाही तत्काल सुनिश्चित की जावे। सीधी जिले की सीमा क्षेत्रांतर्गत जिन बोरवेल का उपयोग नही किया जाता है, या जिन बोरवेल में मोटर नही डली है अथवा जिनमें बोर केप नहीं लगा हुआ है, ऐसे समस्त खुले बोर में बोर केप एवं लोहे के मजबूत ढक्कन नट बोल्टो की सहायता से मजबूती के साथ बंद किये जाने हेतु संबंधित भूमि स्वामी, किसान एवं संस्था को आदेशित किया गया है। अनुपयोगी अथवा खुले पड़े हुए बोरवेल को लोहे के मजबूत ढक्कन या केप से नट बोल्टों की सहायता से मजबूती के साथ बंद किया जावे। इसी प्रकार जिला अंतर्गत अनुपयोगी एवं खुले कुओं व बावली को भी जगत बनाकर एवं जाली लगाकर सुरक्षित किया जाना सुनिश्चित करें। ग्रामीण क्षेत्रों तथा नगरीय क्षेत्रों में संबंधित क्षेत्र के कार्यपालिक दण्डाधिकारी एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत तथा मुख्य नगरपालिका अधिकारी, नगरपालिका/नगर पंचायत परिषद अपने-अपने क्षेत्र का भ्रमण कर उक्त व्यवस्था सुनिश्चित करवाये जाने हेतु उत्तरदायी होगे। कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य एवं यांत्रिकी विभाग भोपाल द्वारा शासन के निर्देशानुसार जिला पंचायत/जनपद पंचायत/ग्राम पंचायत एवं नगरीय क्षेत्रों के संबंधित नगरीय निकाय द्वारा नवीन नलकूप खनन की जानकारी, नलकूप खनन मशानों का पंजीयन, नलकूप खनन करने वाले ठेकेदारों की जानकारी तथा अनुपयोगी एवं खुले नलकूपों की जानकारी संधारित की जाये तथा इसकी मॉनिटरिंग किया जाना सुनिश्चित करें। उक्त आदेश का उल्लंघन किये जाने पर संबंधित के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत कार्यवाही की जावेगी।