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मध्यप्रदेश की शासकीय राशन दुकान विक्रेताओं के लिए अच्छी खबर 

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मध्यप्रदेश की शासकीय राशन दुकान विक्रेताओं के लिए अच्छी खबर 

 

राशन दुकान विक्रेताओं की वेतन वृद्धि के आदेश जारी, देखिए प्रति

 

राशन दुकान विक्रेताओं को कोरोना काल के समय का वितरित राशन का कमीशन नही दिया 

 

भोपाल । शासकीय राशन दुकान विक्रेताओं के वेतन वृद्धि के आदेश जारी अक्टूबर 2023 से 3000 रुपये की गई वृद्धि, हलाकि अभी तक कई राशन दुकान विक्रेताओं को कोरोना काल के समय वितरित राशन का कमीशन नही दिया गया।

 

 

मर्यादित समस्तः मध्यप्रदेश।

विषय: प्रदेश की पैक्स एवं लैम्पस समितियों के सेवायुक्तों के मासिक वेतन/ पारिश्रमिक मानदेय में अतिरिक्त वृद्धि किये जाने के संबंध में।

 

संदर्भ: म.प्र. शासन, सहकारिता विभाग का पत्र क्रमांक एफ 2/11/4/0031/2023- Sec-2-15(COP) दिनांक 06-10-2023

 

मध्यप्रदेश शासन, सहकारिता विभाग के संदर्भित पत्र क्रमांक एफ 2/11/4/0031/2023-5ec-2-15 (COP) दिनांक 06-10-2023 के माध्यम से राज्य शासन द्वारा मांग संख्या-17 अंतर्गत प्राथमिक साथ सह‌कारी समितियों को प्रबंधकीय अनुदान योजना-5006 में प्रतिवर्ष आदिम जाति सेवा सहकारी समितियों (लैम्पस) को रूपये 48,000/- एवं प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियां (पैक्स को रूपये 24,000/- दी जाने वाली प्रबंधकीय अनुदान की राशि में प्रत्ति समिति रूपये 3.00 नाथ की वृद्धि किये जाने तथा सार्वजनिक वितरण प्रणाली की उचित मूल्य की दुकानों के संचालन हेतु पैक्स एवं लैम्पस समितियों के विक्रेताओं को वर्तमान में प्राप्त हो रहे पारिश्रमिक/मानदेय के अतिरिक्त रूपये 3000/- प्रति विक्रेता प्रतिमाह पारिश्रमिक/मानदेय 01 अक्टूबर, 2023 से बढ़ाये जाने के लिये गये निर्णय अनुसार कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये है।

 

2/ प्रदेश के पैक्स एवं लैम्पस समितियों के लिए वर्तमान में “प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था, वृहत्ताकार साथ सहकारी संस्था, कृषक सेवा सहकारी संस्था, जादिम जाति सेवा सहकारी संस्था के कर्मचारी सेवा नियोजन, निबंधन तथा कार्य स्थिति नियम आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थायें, मध्यप्रदेश, भोपाल के आदेश क्रमांक/साख/विधि/2019/3636, दिनांक 01.11.2019 द्वारा संशोधन उपरांत लागू है, जिसके अध्याय 8 की कंडिका 34 में भुगतान क्षमता के आधार पर वेतन, भत्ते एवं पारिश्रमिक मानदेय निर्धारित की गई है। सुलभ संदर्भ हेतु सेवानियम के अध्याय-8 कंडिका 34 के वर्तमान प्रावधान की सुसंगत अंश की प्रति परिशिष्ट पर संलग्न है। उक्त सेवानियम के प्रावधान में स्पष्ट किया गया है कि कर्मचारी को बेतन एवं भत्ते संस्था के संचालक मंडल द्वारा संस्था की देय भुगतान क्षमता एवं अन्य निर्धारित मानदंडों के अनुसार संस्था की पात्रता के अंतर्गत दिया जायेगा तथा सेवानियम में भुगतान क्षमता धारित करने की योग्यता होने पर उसका परीक्षण संभागीय संयुक्त आयुक्त सहकारिता की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा कर्मचारी सेवा नियम के अध्याय-3 की कंडिका 7 के अनुसार किया जायेगा।

 

3/ सार्वजनिक वितरण प्रणाली की उचित मूल्य दुकानों के संचालन हेतु कार्यरत विक्रेताओं को पारिश्रमिक/मानदेय के भुगतान की कार्यवाही खाद्य विभाग स्तर से की जाती है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली की उचित मूल्य की दुकानों के संचालन हेतु पैक्स एवं लैम्पस समितियों के विक्रेताओं को बर्तमान में प्राप्त हो रहे पारिश्रमिक/मानदेय के अतिरिक्त रूपये 3000/- प्रति विक्रेता प्रतिमाह पारिश्रमिक मानदेय बढ़ाये जाने के लिये गये निर्णय का क्रियान्वयन वाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग की केन्द्र प्रवर्तित योजना 1299 लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली अंतर्गत परिवहन कमीशन व्यय की प्रतिपूर्ति किये जाने की कार्यवाही की जावेगी। 4/ समितियों में लागू सेवानियम के प्रावधान अनुसार समितियों में कार्यरत

 

सेवायुक्तों सहायक प्रबंधक लेखापाल, लिपिक/कैशियर कम्प्यूटर ऑपरेटर, विक्रेता, संविदा आधार पर नियुक्त कंनिष्ठ विक्रेता तथा भूत्य चौकीदार को हानि में रहने वाली समितियों में नियमित रूप से वेतन/पारिश्रमिक का भुगतान नहीं हो पाने अथवा निर्धारित वेतन/पारिश्रमिक से कम भुगतान समितियों द्वारा किये जाने की स्थिति परिलक्षित हुई है। जिलों द्वारा मुख्यालय को समितियों की प्रेषित जानकारी के अवलोकन में पाया गया है कि कई समितियों द्वारा वेतनमान के आधार पर वेतन/पारिश्रमिक का आंकलन किया गया है तथा इसमें कम भुगतान किये जाने से जो अंतर की राशि बताई गई है, वह राशि उन्हें बर्तमान में समितियों द्वारा भुगतान की जा रही वेतन/पारिश्रमिक की राशि से काफी अधिक है। इस प्रकार आंकलित अंतर की राशि के बराबर वेतन/पारिश्रमिक का भुगतान समितियों द्वारा तभी किया जा सकता है, जब समितियों के व्यवसाय में वृद्धि होने के साथ-साथ समितियों के गैर जरूरी खर्चे नियंत्रित रहे और समिति में कार्यरत कर्मचारियों द्वारा टीम भावना से समिति का कार्य किया जाये। 5/ समितियों से प्राप्त जानकारी के अवलोकन में यह भी पाया गया है कि अनेकों

 

समितियों द्वारा आर्थिक सक्षमता के आधार पर सेवानियम में निर्धारित प्रावधान अथवा निर्धारित प्रावधान से भी ज्यादा राशि अपने सेवायु‌क्तों को बर्तमान में बेतन एवं पारिश्रमिक/मानदेव के रूप में प्रत्येक माह भुगतान किया जा रहा है। चूंकि इन समितियों द्वारा अपने सेवायुक्तों को पूर्व से ही उचित वेतन/पारिश्रमिक का भुगतान किया जा रहा है, अतः ऐसी समितियां योजना क्रमांक 5006 अंतर्गत प्रबंधकीय अनुदान की बढ़ी हुई राशि का उपयोग सेवामुक्तों के वेतन/पारिश्रमिक को बढ़ाने में नहीं किया जावेगा बल्कि राज्य शासन से प्राप्त होने वाली बढी हुई प्रबंधकीय अनुदान की राशि का उपयोग समिति के अन्य प्रबंधकीय व्ययों के मदों में किया जा सकेगा। 6/ अतः राज्य शासन द्वारा पैक्स एवं लैम्पस समितियों को योजना क्रमांक 5006 अंतर्गत प्रबंधकीय अनुदान की राशि में रु. 3.00 लाख की वार्षिक वृद्धि किये जाने संबंधी लिये गये निर्णय के एवं समितियों के कर्मचारियों को उचित वेतन/ पारिश्रमिक प्रत्येक माह समिति द्वारा भुगतान किया जा सके, इस हेतु निम्नानुसार निर्देश दिये जाते है

 

(1) ऐसी प्रत्येक समिति जिनके द्वारा आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थायें, मध्यप्रदेश, भोपाल के आदेश दिनांक 01.11.2019 से प्रसारित संशोधित सेवानियम के प्रावधान अनुसार अपने कर्मचारियों को नियमित बेतन/ पारिश्रमिक का भुगतान संस्था की भुगतान क्षमता नहीं होने के कारण वर्तमान में नहीं किया जा रहा है, उन समितियों में कार्यरत कर्मचारियों को माह अक्टूबर, 2023 से ) उपरोक्त बढी हुई अतिरिक्त वेतन पारिश्रमिक की राशि आदेश दिनांक 01.11.2019 द्वारा लागू सेवानियम के प्रावधान अंतर्गत एक-एक पद संख्या के आधार पर नियत की गई है। यदि किसी समिति में इससे अधिक संख्या में कर्मचारी कार्यरत हैं, तो उपरोक्तानुसार नियत की गई पदवार अतिरिक्त वृद्धि की राशि का अनुपातिक विभाजन कार्यरत कर्मचारियों की संख्या के मान से किया जायेगा, किन्तु इसमें यह सुनिश्चित किया जाना होगा कि इस प्रकार बढी हुई अतिरिक्त राशि के व्यय भार का योग रू. 25,000/- की सीमा की भीतर हो। क्र. 4 में उल्लेखित विक्रेताओं के पारिश्रमिक/मानदेय की बड़ी हुई राशि रू. 3000/- प्रतिमाह का भुगतान वर्तमान प्रचलित प्रक्रिया अनुसार खाद्य विभाग द्वारा म.प्र. स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन के माध्यम से किया जायेगा। क्र. 5 में उल्लेखित भूत्य/चौकीदार को अकुशल श्रमिक के मान से कलेक्टर दर से वर्तमान में प्राप्त हो रही राशि के अतिरिक्त मासिक वृद्धि की राशि को विशेष पारिश्रमिक की राशि मानी जायेगी।

 

(3) आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक, सहकारी संस्थायें, मध्यप्रदेश, भोपाल

 

के उक्त आदेश दिनांक 01.11.2019 से लागू सेवानियम के प्रावधान अनुसार पैक्स/लैम्पस समितियों में समिति प्रबंधक, सहायक प्रबंधक/लेखापाल, लिपिक/ कैशियर/कम्प्यूटर ऑपरेटर, विक्रेता, संविदा आधार पर नियुक्त कंनिष्ठ विक्रेता तथा भृत्य/चौकीदार के पद स्वीकृत है, जिनके विरूद्ध समिति में कर्मचारी कार्यरत है। 7/ भारत सरकार की “सहकार से समृद्धि” विजन के अंतर्गत भारत सरकार एवं राज्य शासन की वित्तीय सहायता से प्रदेश की 4534 पैक्स एवं लैम्पस समितियों का कंप्यूटराईजेशन का कार्य प्रगति पर है। इसके अलावा इन समितियों की आय में वृद्धि हेतु विभिन्न प्रकार की अन्य गतिविधियां भी प्रारंभ की गई है, जिसका लाभ प्राप्त करने हेतु समितियों द्वारा निरंतर कार्यवाही भी की जा रही है। राज्य शासन द्वारा

 

समिति के कर्मचारियों के हितों को दृष्टिगत रखते हुए प्रबंधकीय अनुदान की राशि को

 

बढा भी दिया गया है। इससे अब यह अपेक्षा की जाती है कि प्रदेश के सभी पैक्स

 

एवं लैम्प्स समितियों की लाभप्रदता में वृद्धि हेतु उनके व्यवसाय में निरंतर वृद्धि हो,

 

समितियों के कार्यों में पारदर्शिता रहे तथा समिति के सभी कर्मचारियों द्वारा समित

 

के हित में मिल-जुल कर कार्य किया जाये।

 

अतः निर्देशित किया जाता है कि समिति द्वारा किये गये कार्यों के मापदंड निर्धारित कर त्रैमासिक आधार पर नियमित समीक्षा की जाये, जिसमें समिति के प्रत्येक कर्मचारी के योगदान का भी उल्लेख हो। प्रत्येक समिति की त्रैमासिक समीक्षा रिपोर्ट जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के स्तर पर की जाये ।

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