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मनेंद्रगढ़ वन परिक्षेत्रों के निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार कि खुली छूट मजदूरों की मजदूरी भी शेप नहीं

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हेडलाइन
मनेंद्रगढ़ वन परिक्षेत्रों के निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार कि खुली छूट
मजदूरों की मजदूरी भी शेप नहीं

अधिकारी तनिक मात्र भी दायित्व का निर्वहन करना चाहते हैं तो करवाऐं निष्पक्ष जांच उल्लेखित बिंदु पर तो खुद ही हो जाएगा दूध का दूध और पानी का पानी

दैनिक प्राईम संदेश एमसीबी छत्तीसगढ़
संभाग हेड अजीमुदिन अंसारी

मनेंद्रगढ़ वन मंडल में वनों के नुमाइंदों के बीच इन दिनों गजब की व्यवस्था चल रही है। यहां पर लंबे समय से ऐसे अफसरों का एक ही पद पर बने रहना और वनों के रक्षा दायित्वों में सक्रिय है जिन्हे अपने पदीय दायित्व से तनिक मात्र भी सरोकार नहीं है इनका एक पूरा जत्था वनों में सिर्फ लाइसेंसी व्यवसाय कर रहा है । जो वनों के संरक्षण के लिहाज से निहायत ही चिंता का विषय है और बिलकुल उलट है । इससे भी ज्यादा हैरानी की बात तो यह है की विभाग के ऐसे जिम्मेदारों पर लंबे समय से इनकी कार्यशैली पर सवाल उठाते रहे हैं परंतु राजधानी में बैठे वन विभाग के उच्च अफसरों को इनसे उतना ही लगाव होता गया और इन पर कार्रवाई करने की बजाय इन्हे और तरक्की दे दी गई उनका कार्यक्षेत्र बढ़ा दिया गया ताकि वह वन संरक्षण विरोधी गतिविधियों को और वृहद स्तर पर फैला सकें और आज वही हो रहा है की जो जितना बड़ा भ्रष्टाचार करता है उसकी उतनी बड़ी पद और
जिम्मेदार हो जाती है अगर ईनकी निष्पक्ष जांच हो जाए तोअपने आप इन करतूत बाजों के कार्यक्षेत्र और कार्यशैली की पुलिंदा खुलकर सबके सामने आ जाएगा तब इन्हें असल सत्य का ज्ञान हो जाएगा परंतु लोमड़ी की भांति खुद को होशियार और सबको बेवकूफ समझने वाले और एड़ा बनकर पेड़ा खाने वाले अपनी ऊपर से लेकर नीचे तक संचालित भ्रष्टाचार की दुकान का राज न खुल जाए इसलिए सभी एक मत होकर एक दूसरे के सहयोग में लगे रहते हैं और इस तरह इनका पूरा कुनबा एक रैकेट की भांति जंगलों में अपनी कारगुजारी का कारनामा करता रहता है ।

*डीएफओ मनेंद्रगढ़ ईमानदार व्यक्ति हैं इसमें कोई शक की बात नहीं और जांच भी कराएंगे यह भी सत्य है पर कब कराऐंगे यह निश्चित नहीं

हम जिन बिंदुओं पर अब तक समाचार लगा चुके हैं वो सभी समाचारों में पूरी सत्यता है । हर समाचार तथ्यात्मक हैं। इसलिए अगर डी एफ ओ मनेंद्रगढ़ अपनी कुर्सी के दायित्व के प्रति थोड़ा भी ईमानदार हैं तो उक्त प्रकाशित समस्त बिंदुओ पर भौतिक निरीक्षण करें हम विश्वास दिलाते हैं की अखबार में बताए सभी जिम्मेदारों पर आश्चर्यचकित कर देने वाला खुलासे सामने आएंगे और बड़ी कार्यवाई भी हो सकती है जो इस प्रकार हैं । (1) मनेंद्रगढ़ और केल्हारी रेंज अंतर्गत वनभूमि में दो वर्षों के अंतराल में हुए अवैध अतिक्रमण जिन पर वन विभाग के स्थानीय अधिकारी कर्मचारी पर लापरवाही जानबूझकर की गई है । (2) 1/01/22 से लेकर 1/09/2024 तक केल्हारी और बहरासी रेंज में दिए गए वनाधिकार पट्टों की जांच 2005 के गूगल रिकॉर्ड में दर्ज वन रकबे से मिलान की स्थिति के अनुसार । (3) 1 दिसंबर 2021 से लेकर 15 जनवरी 2022 की अवधि अंतर्गत मनेंद्रगढ़ वन परिक्षेत्र के रतौरा सर्किल के कपरिया बीट में श्योल (भू जल संरक्षण) मद से करीब 80 लाख की राशि आहरण की गई थी। जिस कार्य का भौतिक निरीक्षण किया जाना । (4) वर्ष 2022-23 अंतर्गत रतौरा सर्किल अंतर्गत महाई बीट के कक्ष क्रमांक 727 में भू जल संरक्षण कार्य (श्योल) से रकबा 50 हेक्टेयर में कराए गए मजदूरी भुगतान की जांच मजदूरों के भुगतान संबंधी वन विभाग के हाजिरी रजिस्टर और मजदूरों के खातों के बैंक स्टेटमेंट दोनो के मिलान के साथ जांच । समाचार के शीर्षक से हमने इन्ही गतिविधियों को स्पष्ट करने का प्रयास किया है । जिसे मनेंद्रगढ़ वन मंडल के डीएफओ निष्पक्ष जांच कराते हुए भ्रष्टाचार से खुद को अलग कर सकते हैं ।

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