जिम्मेदारों की अनदेखी: कई शिकायतों के बाद भी निराकरण नहीं, यात्रियों को उठाना पड़ रही है परेशानी
रोज मनमाना वसूल रहे किराया, यात्रियों के विरोध पर करते हैं विवाद
समस्या नहीं हुई दूर
*दैनिक प्राईम संदेश जिला ब्यूरो चीफ राजू बैरागी जिला *रायसेन*
रायसेन।जिला परिवहन विभाग के जिम्मेदारों की अनदेखी मनमानी के चलते यात्री बसों में रोजाना सफर करने वाले यात्रियों को मनमाने किराए के नाम पर लुटने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
रायसेन से राजधानी भोपाल से इंदौर रायसेन से विदिशा बैरसिया सागर जबलपुर रीवा सतना बरेली की और जाने वाली बस रात आठ बजे बाद के बाद रायसेन बस स्टैंड के अंदर नहीं आती है। इससे यात्रियों को सागर भोपाल भवानी चौराहा अस्थायी बस स्टैंड जाना पड़ता है। यही नहीं सागर इंदौर तरफ से आने वाली बस भी रात में बस स्टैंड रायसेन के अंदर नहीं आती है। इससे यात्रियों को रात के अंधेरे में पैदल चलकर आना जाना पड़ता है। यह समस्या पिछले कई सालों से चली आ रही है, जिसका निराकरण नहीं हो सका है।
जिला परिवहन विभाग के अनुसार हर यात्री बस में किराया सूची लगी होना अनिवार्य है। इसका यही उद्देश्य है कि संबंधित यात्री को किस जगह से जाने का कितना किराया देना पड़ेगा। यह किराया सूची 90 प्रतिशत से ज्यादा बसों में नहीं लगी है। कंडेक्टर ने जितना मनमाना किराया बोला उतना ही यात्रियों को देना पड़ता है। यदि किसी यात्री ने मनमाना किराया वसूलने का विरोध दर्ज कराया तो कंडेक्टर, चालक विवाद करने लगते हैं।
जिले में करीब 260 से अधिक बसों का विभिन्न रूटों पर संचालन होता है। इसमें सबसे अधिक बस सागर सतना खजुराहो छतरपुर भोपाल-इंदौर रूट पर चलती है। इनमें से कई बसों में किराया सूची नहीं लगी है। किराया सूची के अभाव में यात्रियों को पता ही नहीं रहता है कि जिस जगह से बैठे और जहां जा रहे वहां तक का कितना किराया देना है। कंडेक्टर ने मनमाने तरीके से जितना किराया बताया उतना ही देना पड़ता है। जागरूक यात्री इसका विरोध करते हैं तो कंडेक्टर विवाद करने लगते हैं। इस वजह से लोग सही तरह से विरोध भी नहीं कर पाते हैं।
नहीं मिलती यात्रियों को सुविधा
हर बस में आग बुझाने संबंधी अग्रिशमन यंत्र लगे होना चाहिए.चोट लगने पर फर्स्ट एड बॉक्स भी लगा होना चाहिए।विकलांगों स्वंत्रता संग्राम सेनानियों के लिए सीटें आरक्षित होना चाहिए महिला यात्रियों के लिएसीटें रिजर्व करना चाहिए।