लोकेशन धामनोद धार
संवाददाता मोनू पटेल
माँ नर्मदा की कृपा से धर्म, साधना और तप का अद्भुत संगम एक बार पुनः धामनोद में साकार होने जा रहा है। माँ नर्मदा के वरद पुत्र, तपोनिष्ठ, त्याग एवं साधना की जीवंत प्रतिमूर्ति परम पूजनीय श्री दादा गुरु जी दिनांक 27 दिसंबर को सायं लगभग 6 बजे अपने 1500 नर्मदा परिक्रमा वासियों के साथ माँ नर्मदा अकैडमी, धामनोद में पधार रहे हैं।
विशेष उल्लेखनीय है कि पूजनीय दादा गुरु जी विगत 1800 दिनों से निराहार व्रत पर हैं तथा इस दीर्घ तपस्वी साधना में वे केवल माँ नर्मदा जी का पावन जल ही ग्रहण करते हैं। उनकी यह साधना सनातन परंपरा में विरल मानी जा रही है और असंख्य श्रद्धालुओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी हुई है।
पूजनीय दादा गुरु जी की यह माँ नर्मदा परिक्रमा का चतुर्थ चरण है, जिसमें वे माँ नर्मदा की सेवा, साधना,पर्यावरण सरक्षण एवं जन-जागरण के उद्देश्य से सतत प्रवासरत हैं।
पूजनीय दादा गुरु जी का रात्रि विश्राम माँ नर्मदा अकैडमी परिसर में ही रहेगा। इसी पावन अवसर पर सायं 7:30 बजे अकैडमी परिसर में दिव्य प्रवचन एवं सत्संग का आयोजन किया जाएगा, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की सहभागिता अपेक्षित है।
संस्था संचालक डॉ मनोज नाहर ने बताया कि पूजनीय दादा गुरु जी का सान्निध्य मिलना क्षेत्रवासियों के लिए अत्यंत सौभाग्य का विषय है। उनके प्रवचन आध्यात्मिक चेतना, संयम, सेवा और सनातन संस्कृति के मूल्यों को जन-जन तक पहुँचाने का कार्य करते हैं।
माँ नर्मदा अकैडमी परिवार एवं नर्मदा भक्तों ने समस्त धर्मप्रेमी नागरिकों, श्रद्धालुओं एवं नर्मदा भक्तजनों से अपील की है कि वे इस पावन अवसर पर सपरिवार उपस्थित होकर पूजनीय दादा गुरु जी के दर्शन, सत्संग एवं आशीर्वाद का लाभ लें और अपने जीवन को कृतार्थ करें।
कार्यक्रम को लेकर नगर एवं आसपास के क्षेत्रों में भक्तिभाव और उत्साह का वातावरण व्याप्त है।