कौशाम्बी में पुलिसिंग का नया अध्याय, एसपी राजेश कुमार की दूरदर्शी पहल से फरियादी नहीं भटका, थाने बने न्याय के केंद्र
News By- हिमांशु उपाध्याय / नितिन केसरवानी
कौशाम्बी: जनपद में पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार के नेतृत्व में पुलिस व्यवस्था ने वह मोड़ लिया है, जिसकी अपेक्षा आमजन वर्षों से करता आ रहा था। अब पुलिस केवल शिकायत सुनने वाली संस्था नहीं रही, बल्कि समस्या का समाधान करने वाली संवेदनशील व्यवस्था के रूप में जनता के बीच अपनी पहचान बना रही है। पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार ने दिसंबर माह के प्रथम सप्ताह से जनपद के सभी क्षेत्राधिकारियों एवं थाना प्रभारियों को सख्त और स्पष्ट निर्देश दिए कि वे प्रतिदिन प्रातः 10 बजे से अपराह्न 2 बजे तक अनिवार्य रूप से अपने कार्यालयों पर उपस्थित रहकर फरियादियों की समस्याएं सुनें और उनका समयबद्ध, निष्पक्ष एवं गुणवत्तापूर्ण निस्तारण सुनिश्चित करें। यह व्यवस्था कागजी आदेश तक सीमित न रहकर धरातल पर उतरी, क्योंकि इसकी निरंतर निगरानी स्वयं पुलिस अधीक्षक द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की जा रही है। इस पहल का सबसे बड़ा लाभ यह हुआ कि अब फरियादियों को छोटी-छोटी समस्याओं के लिए पुलिस अधीक्षक कार्यालय तक दौड़ लगाने की मजबूरी नहीं रही।
थानों और सर्किल स्तर पर ही फरियादियों की सुनवाई शुरू हो गई है।पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचने वाले मामलों में भी संबंधित अधिकारियों को तुरंत जोड़कर मौके पर ही समाधान के निर्देश दिए जा रहे हैं। कई मामलों में स्वयं पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार ने वीडियोकॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से फरियादियों से सीधा संवाद कर उनकी समस्याओं का निस्तारण कराया। इस व्यवस्था के सकारात्मक परिणाम आंकड़ों में भी दिखाई दे रहे हैं। जहां 23 नवंबर से 02 दिसंबर 2025 के बीच 326 फरियादी पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे थे, वहीं नई व्यवस्था लागू होने के बाद 03 दिसंबर से 12 दिसंबर 2025 के बीच यह संख्या घटकर 303 रह गई। यह आंकड़ा इस बात का प्रमाण है कि अब जनता को अपने नजदीकी थानों पर ही भरोसेमंद समाधान मिलने लगा है। जनपद में पहली बार यह स्पष्ट संदेश गया है कि कौशाम्बी पुलिस जनता के लिए है, जनता से दूर नहीं। पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार की यह पहल न केवल प्रशासनिक दृढ़ता का उदाहरण है, बल्कि मानवीय पुलिसिंग की वह तस्वीर पेश करती है,जिसमें फरियादी खुद को अकेला नहीं, बल्कि सुना हुआ महसूस करता है। आज कौशाम्बी में पुलिस और जनता के बीच विश्वास की खाई भरती दिख रही है। कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि एसपी राजेश कुमार के नेतृत्व मेंकौशाम्बी पुलिस अब आदेश नहीं, समाधान बोल रही है और यही इस पहल की सबसे बड़ी सफलता है।