स्वास्थ्य विभाग की भर्राशाही के खिलाफ सीधी में आंदोलन आज 14 नवम्बर को। “कालीख कांड शिवशैनिक ”विवेक पांडे के समर्थन में जनता होगी सड़क में”,
स्वास्थ्य विभाग की भर्राशाही के खिलाफ सीधी में आंदोलन आज 14 नवम्बर को।
“कालीख कांड शिवशैनिक ”विवेक पांडे के समर्थन में जनता होगी सड़क में”,
*अरविंद सिंह परिहार सीधी*
सीधी जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से भ्रष्टाचार और लापरवाही के दलदल में धंस चुकी है जिला अस्पताल का हाल यह है कि डॉक्टर प्राइवेट क्लीनिक में मुनाफा कमा रहे हैं और अस्पताल नर्सों के भरोसे चल रहा है।गंदगी ऐसे की स्वस्थ आदमी को चपेट में ले ले, पार्किंग स्थल में स्थानीय गुंडे जो मरीज के परिजनों से अभद्रता करते रहते हैं!
इस गंभीर स्थिति के विरोध में आज 14 नवंबर को गांधी चौराहा, सीधी में वृहद जन आंदोलन का ऐलान किया गया है। जो “कालीख कांड” मामले में सत्ताधारी तंत्र और जिला प्रशासन के अन्याय के शिकार बने हैं!
इस आंदोलन में प्रदेश प्रमुख नाहर सिंह, प्रदेश पदाधिकारी, तथा सामाजिक व राजनीतिक संगठन आमजनता हिस्सा लेंगे।
जिलेभर में आक्रोश का माहौल है और जनता ने स्पष्ट कह दिया है “अब नहीं सहेंगे सिस्टम की गुंडागर्दी और स्वास्थ्य विभाग की लूट व बदसलूकी!
*अस्पताल बना सौदेबाज़ी का अड्डा,डॉक्टर दलाल?*
स्वास्थ्य विभाग के शीर्ष अधिकारी डॉ. एस.बी. खरे (सिविल सर्जन) और उनकी पत्नी CMHO पर गंभीर आरोप लगे हैं कि दोनों ने मिलकर पूरे जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था को अपनी जेब और सत्ता के हिसाब से चलाना शुरू कर दिया है!
शासन द्वारा जनता के इलाज के लिए भेजी जाने वाली राशि को बंदरबांट कर मरीजों को सरकारी अस्पताल से निकालकर प्राइवेट नर्सिंग होम में भेजा जाता है, जहां मोटी रकम वसूले जाने की खबर है।
डिलेवरी के दौरान मौतें, ऑक्सीजन पाइपलाइन लीक, और इंजेक्शन ओवरडोज़ जैसी घटनाएं आम हो चुकी हैं। यहां तक कि शव को भी रेफर किया जाना बताया जा रहा है।
इन घटनाओं के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए, लेकिन कार्रवाई के नाम पर सिर्फ “जांच का नाटक” हुआ।
सूत्रों के मुताबिक, मोटे पैसों और राजनीतिक पहुंच के दम पर सभी फाइलें ठंडे बस्ते में डाल दी जाती हैं।
कई बार कलेक्टर को आवेदन दिए गए, पर कार्यवाही “शून्य” रही।
जनता की शिकायतें, मीडिया की खबरें — सब कुछ सिस्टम के दबाव और लेन-देन की राजनीति में दबा दिया गया।
*विवेक पांडे का विरोध बना जनता की आवाज़*
“कालीख कांड” अब एक घटना नहीं, बल्कि जनता के आक्रोश का प्रतीक बन चुका है।
विवेक पांडे ने अस्पताल में फैले भ्रष्टाचार और लापरवाही के खिलाफ खुलकर आवाज उठाई, लेकिन बदले में उन्हें सत्ता के इशारे पर जेल भेज दिया गया।
डॉ. खरे पर आरोप है कि उन्होंने डॉक्टरों की एक टीम बनाकर कोर्ट में एकत्रित कर आपत्ति जताई ताकि विवेक पांडे की जमानत प्रभावित की जा सके।
यह सब कुछ जनता के बीच गुस्से की लहर बनता गया
एक स्थानीय सामाजिक संगठन के पदाधिकारी ने कहा
“जिसने सच्चाई दिखाई उसे जेल भेज दिया गया, और जो मौतों के जिम्मेदार हैं, वे आज भी कुर्सी पर बैठे हैं। यही सीधी की असली बीमारी है।
*कल 14 नवंबर को 10 बजे गांधी चौक पार्किंग से फूटेगा आक्रोश*
शिवसेना और राजनीतिक सामाजिक संगठन के साथ जनता ने तय किया है कि अब खामोशी टूटेगी और सड़कों पर सैलाब उमडेगा,कल 14 नवंबर की सुबह 10 बजे गांधी चौक, सीधी में विशाल रैली आयोजित की जाएगी।इस दौरान मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा, जिसमें डॉ. एस.बी. खरे और सीएमएचओ के खिलाफ तत्काल निलंबन और एकतरफा कार्यवाही की मांग प्रमुख मुद्दा बताईं जा रही है।संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि दोषियों पर कार्यवाही नहीं हुई, तो आंदोलन को प्रदेशव्यापी रूप भी दिया जाएगा!
*जनता का सवाल*
“क्या सीधी की जनता का जीवन सस्ता है?
क्या सिस्टम का चेहरा बचाने के लिए मौतें छिपाई जाती रहेंगी?
जब जिम्मेदार डॉक्टर खुलेआम कानून को ठेंगा दिखा रहे हैं,
तो विवेक पांडे जैसे सच्चे समाजसेवी को ही सज़ा क्यों?”
सीधी में अब यह केवल स्वास्थ्य विभाग का मुद्दा नहीं रहा, बल्कि यह जनता बनाम सिस्टम की लड़ाई बन चुकी है।
14 नवंबर को होने वाला यह आंदोलन तय करेगा कि क्या सीधी में न्याय बिकेगा या जनता बोलेगी।