राजनगर ओपन कास्ट माइंस में कमीशन राज कोयला चोरी से लेकर ओवर टाइम और संडे तक हर जगह सक्रिय कॉलरी मैनेजर की मिलीभगत
राजनगर ओपन कास्ट माइंस में कमीशन राज कोयला चोरी से लेकर ओवर टाइम और संडे तक हर जगह सक्रिय कॉलरी मैनेजर की मिलीभगत
ज्ञानेंद्र पांडेय 8516868379
अनूपपुर।
राजनगर ओपन कास्ट माइंस (हरदेव क्षेत्र) में भ्रष्टाचार की गंध अब खुलेआम फैलने लगी है। सूत्रों के अनुसार यहां के कॉलरी मैनेजर के संरक्षण में कोयला चोरी से लेकर ओवरटाइम भुगतान तक का पूरा खेल कमीशन सिस्टम पर चल रहा है प्रबंधन से मिलने वाले मोटे वेतन के बावजूद मैनेजर साहब ने अपने निजी लाभ के लिए अनैतिक कमाई के नए रास्ते खोल दिए हैं।
स्टॉक 4B से ट्रांसफार्मर चोरी पर मामला दबा दिया गया
सूत्रों का कहना है कि हाल ही में स्टॉक 4B के पास से ट्रांसफार्मर चोरी की गंभीर घटना सामने आई थी परंतु आश्चर्यजनक रूप से न तो किसी को चार्जशीट किया गया न ही सस्पेंड और न ही किसी प्रकार की विभागीय कार्यवाही हुई। चर्चा है कि इस मामले को टेबल के नीचे सेटल कर दिया गया ताकि ऊपर तक बात न पहुंचे।
सालों से एक ही व्यवस्था तबादले पर सन्नाटा
माइंस क्षेत्र में कई अधिकारी वर्षों से एक ही पद पर जमे हुए हैं। कहा जाता है कि कॉलरी मैनेजर के विशेष संरक्षण के चलते इन्हें कभी बदला नहीं गया। इससे कर्मचारियों में नाराजगी है और पारदर्शिता पर भी गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।
ओवर टाइम का खेल कमीशन दो तभी भुगतान लो
कर्मचारियों के अनुसार ओवर टाइम (ओटी) भुगतान पूरी तरह से ‘कमीशन पॉलिसी पर निर्भर है। जो कर्मचारी निश्चित प्रतिशत कमीशन देते हैं उन्हें ओवर टाइम का लाभ दिया जाता है, जबकि ईमानदार कर्मचारियों को इसका हक होने के बावजूद वंचित रखा जाता है यदि ओटी रजिस्टर की जांच की जाए तो बड़ी संख्या में फर्जी भुगतान के मामले उजागर हो सकते हैं।
ड्यूटी चार्ट में पक्षपात अपने लोगों को आराम
ड्यूटी लगाने में भी भेदभाव साफ दिखाई देता है कॉलरी मैनेजर अपने करीबियों को आरामदेह ड्यूटी देते हैं जबकि बाकी कर्मचारियों को थकाऊ और कठिन ड्यूटी सौंपते हैं कर्मचारियों का कहना है कि यदि ड्यूटी चार्ट की निष्पक्ष जांच कराई जाए तो पूरा सच सामने आ जाएगा।
पहले भी घट चुकी हैं घटनाएं
राजनगर ओपन कास्ट माइंस में इससे पहले भी कई घटनाएं घट चुकी हैं जिनसे प्रबंधन को भारी नुकसान उठाना पड़ा था। बावजूद इसके भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारीयों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई बताया जाता है कि वर्तमान कॉलरी मैनेजर का सीधा संबंध कई विवादित मामलों से रहा है।
कमीशनखोरी से प्रबंधन को नुकसान अधिकारी को लाभ
सूत्रों का कहना है कि यह अधिकारी केवल स्वयं के आर्थिक लाभ के लिए काम कर रहा है। कोयला स्टॉक से चोरी फुटकर चोरों से मिलीभगत ओवरटाइम और संडे के भुगतान में कमीशनखोरी जैसी गतिविधियां इनकी कार्यशैली का हिस्सा बन गई हैं कॉलरी प्रबंधन से हर माह मोटी रकम लेने और अपने व्यक्तिगत नेटवर्क के जरिए लाभ पहुंचाने के भी आरोप हैं।
प्रबंधन की चुप्पी पर उठे सवाल
इन गंभीर अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के आरोपों के बावजूद प्रबंधन की चुप्पी सवाल खड़े करती है। क्या उच्च अधिकारी इन सब से अनजान हैं, या फिर कहीं न कहीं मिलीभगत है?
अब देखना यह होगा कि हसदेव क्षेत्र के महाप्रबंधक महोदय ऐसे भ्रष्ट अधिकारी पर नियमों के अनुसार कार्रवाई करते हैं या फिर एक बार फिर भ्रष्टाचार को खुली छूट दी जाती है।