Breaking News in Primes

नरवर गांव के नाराज किसानों ने एसडीओ सुधीर पटेल को सौंपा ज्ञापन,लगाए वनकर्मियों पर रुपए लेकर वनभूमि पर पट्टे देने के लगाए आरोप

0 22

नरवर गांव के नाराज किसानों ने एसडीओ सुधीर पटेल को सौंपा ज्ञापन,लगाए वनकर्मियों पर रुपए लेकर वनभूमि पर पट्टे देने के लगाए आरोप

*दैनिक प्राईम संदेश जिला ब्यूरो चीफ राजू बैरागी जिला *रायसेन*

 

रायसेन।जनपद पंचायत सांची की ग्राम पंचायत नरवर से बड़ी संख्या में ग्रामीण, महिलाएं, किसान और बुजुर्ग वन विभाग रायसेन पहुंचे।जहां डीएफओ रायसेन के नाम संबोधित ज्ञापन एसडीओ सुधीर पटले को ज्ञापन सौंपा गया है।

ज्ञापन जनपद सदस्य मनीष चौक से के नेता में मोना गया जापान में बताया गया है कि नरवर के किसान सालों से कई पीढ़ियां गुजर गई बैंड भूमि पर खेती कर रहे हैं लेकिन वन विभाग के बीच कर्मचारियों ने मोटी रकम लेकर पट्टे देने का क्रम जारी है और स्थानीय प्रवासी गरीब किसान सालों से ताबीज होकर खेती कर रहे हैं ।उनको एक भी वनभूमि का पट्टा नहीं दिया जाने से काफी नाराज हैं इसीलिए उनकी नाराजगी विभाग के कर्मचारियों पर बढ़ती जा रही है।

ग्रामीण किसान घनश्याम आसिफ खान खुशी लाल साहू गंगाराम चंदन सिंह खुशी लाल मेहरा लामैन सिंह मोतीलाल लक्ष्मी नारायण पाल बाबूलाल भारत सिंह नारायण सिंह रामस्वरूप खेत सिंह बलिराम नंदकिशोर हसीन खान हर्ष बघेल सुरेश कुमार मनोज चौरसिया ऋतिक रैकवार रतन सिंह सूर्य सिंह नंदकिशोर आदि ने बताया कि हम लोग पीढ़ियों से वन भूमि पर काबिज हो खेती करके अपनी आजीविका चला रहे हैं ।लेकिन नरवर के किसानों ने 2019 में एमपी वन मित्र पोर्टल से ऑनलाइन आवेदन किया था। लेकिन वनकर्मियों ने सिर्फ चार किसानों का सर्वे की रिपोर्ट विभाग को भेजी और धार ,झाबुआ रतलाम आदि जगहों के बाहरी आदिवासी भील आदिवासियों को प्रदान कर दिए हैं। जिससे वंचित रहे किसानों में आक्रोश बढ़ रहा है ।वनकर्मियों के गड़बड़झाले के इस मामले से हम काफी नाराज हैं हमने वीडियो पर रायसेन को भी आवेदन देकर समस्या से अवगत करा दिया है।

ज्ञापन में बताया गया है कि नरवर गांव के अभी भी 40 से 50 किसान बनते अधिकारी अधिकारों से वंचित रह गए हैं । 1980 से वन भूमि की जमीन पर काबिज है ।लेकिन वनकर्मियों द्वारा मुंह देखकर सिर्फ चार बाहर के भील आदिवासि किसानों को जमीन की नपती करवाकर सीमांकन कराया है ।बाकी लोग परेशान है ।वर्ष 2013 -14 से वनभूमि पर काबिज है ।हम किसानों को वनरक्षक और डिप्टी रेंजर द्वारा देखने दिखाने का सर्वे तो कर लिया है। लेकिन वन मित्र पोर्टल पर सर्वे की जानकारी नहीं डाली गई है। जिससे हम किसान अपने अधिकारों से वंचित रह गए हैं ।1980 से सूची में किसानों के नाम सूची में अंकित है ।लेकिन फिर भी हर साल ऑनलाइन वन मित्र पोर्टल से सर्वे में बाहरी भील सेहरिया आदिवासियों को यहां पट्टा दिया जा रहा है। जिससे हम अपने अधिकार से वंचित हैं ।नरवर वनबीट में वनभूमि पर सालों से खेती करते हैं हमको एक से दो पुश्तैनी खेतीबाड़ी करते बीत गईं।लेकिन वन अधिकार पट्टे नहीं मिल सके हैं। उन्होंने बताया कि हमको जानबूझकर वन अधिकार पट्टों से फिर वंचित रखा गया है।जो कि हमारे साथ नाइंसाफी भी है।

इनका कहना है….

आज नरवर के काफी संख्या में किसान वनविभाग में आए थे ।और किसानों ने ज्ञापन दिया है। वन कर्मियों पर लगाए जा रहे आरोप के बारे में मुझे कोई संज्ञान नहीं।फिर भी मैं इस मामले की बारीकी से जांच करवा कर मामले को बिल्कुल साफ करवा दूंगा।सुधीर पटले एसडीओ वनविभाग

Leave A Reply

Your email address will not be published.

Don`t copy text!