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खबर का बड़ा असर”, जिला प्रशासन ने गठित की जांच टीम।

प्रतिबंधित दवा विक्रेताओं, झोलाछाप डॉक्टरों, अवैध क्लिनिक संचालकों की अब खैर नहीं।

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“खबर का बड़ा असर”, जिला प्रशासन ने गठित की जांच टीम।

 

प्रतिबंधित दवा विक्रेताओं, झोलाछाप डॉक्टरों, अवैध क्लिनिक संचालकों की अब खैर नहीं।

 

अनुविभाग बार गठित की गई लगभग सात सदस्यीय जांच टीम।

*अरविंद सिंह परिहार सीधी*

 

दैनिक प्राइम संदेश समाचार पत्र एवं प्राइम्स वेव पोर्टल में प्रकाशित खबर का जिले में बड़ा असर देखने को मिला है खबर प्रकाशन के दिवस ही 7 अक्टूबर को खबर को संज्ञान में लेते हुए अपर कलेक्टर सीधी बी.पी. पाण्डेय ने आदेश जारी कर जिले के सभी मेडिकल स्टोर, क्लीनिक, झोला छाप (बिना लाइसेंस वाले चिकित्सक) तथा सरकारी आपूर्ति केन्द्रों में कोल्डरिफ, नेक्ट्रो-डीएस सिरप एवं अन्य प्रतिबंधित अथवा अमानक दवाओं के स्टॉक, गुणवत्ता और बिक्री की व्यापक जांच के निर्देश दिए है। जिस जांच कार्यवाही के लिए अनुभागवार अधिकारियों की नियुक्ति की गई है, जो अपने-अपने क्षेत्र में जांच कर आवश्यक रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे तथा नियमों के उल्लंघन पर संबंधितों के विरुद्ध कार्यवाही सुनिश्चित करेंगे।साथ ही स्पष्ट किया है कि अमानक एवं प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री और वितरण किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा तथा जांच के उपरांत दोषी पाए जाने वाले संस्थानों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।

 

बताते चले की छतरपुर जिले में घटी घटना ने सबको झक- जोर कर रख दिया है जिसको लेकर हमारे संभागीय ब्यूरो रीवा अरविंद सिंह परिहार लोगों की शिकायत एवं स्थानीय संवाददाता की सूचना पर सीधी जिले के मझौली क्षेत्र का भ्रमण किया जहां पाया गया कि पूरे क्षेत्र में बंगाली डॉक्टर का आबैध क्लीनिक जो कि मिनी नर्सिंग होम के रूप में संचालित हो रहे हैं यह डॉक्टर बिना डिग्री डिप्लोमा के गंभीर से गंभीर बीमारियों का इलाज कर रहे हैं साथ ही कई अन्य ऐसे मेडिकल स्टोर हैं जो फर्जी रूप से संचालित है जहां अमानत एवं प्रतिबंध ज्यादा कमिशन प्रदान करने वाली कंपनियों की दवाइयां का क्रय विक्रय किया जा रहा है। क्षेत्र के गरीब अनभिज्ञ अनपढ़ लोग डॉक्टरों की कमी के कारण इन्हीं के यहां पहुंच अपना तथा छोटे बच्चों का उपचार करते हैं जिससे एक ओर जहां अत्यधिक आर्थिक हानि उठानी पड़ती है वही हार्ड दवा के कारण अक्सर लोगों की मौत होती रहती है। क्योंकि जो बाहरी बंगाली डॉक्टर यहां अपना समराज या जमा रखे है वह ज्यादा पढ़े-लिखे भी नहीं है तीसरी चौथी पढ अपने आंकाओ से प्रशिक्षण प्राप्त कर क्लीनिक एवं नर्सिंग होम संचालित कर लिए हैं। जिनसे बड़ी घटना घटित होने की संभावना बनी हुई है को जिस पदार्थ रखते हुए प्राथमिकता के साथ खबर प्रकाशित की गई थी। जिसको संज्ञान में लेते हुए जिला प्रशासन द्वारा ठोस खत्म उठाया गया है। वही मझौली एसडीएम के निर्देश पर मझौली तीन रोड पर उत्तर छापेमारी कार्यवाही में भी जुट गई है किंतु इस दौरान यह देखा गया कि बंगाली डॉक्टर जो कई वर्षों से लोगों की खून पसीने की कमाई चुस आलीशान आशियाना बनवाकर अवैध रूप से मेडिकल एवं क्लीनिक संचालित कर रहे हैं वहां ताला जड़ रफू चक्कर हो गए हैं। जांच टीम इनके मेडिकल स्टोर एवं क्लिनिको का चक्कर लगाती रही लेकिन मझौली नगर क्षेत्र व क्षेत्र के नजदीकी धनौली, पांड,जोबा,जमुआ सहित सभी दुकान बंद कर फरार हो गए जिससे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि कोई ना कोई विभाग में ऐसा व्यक्ति है जो तत्काल इन्हें सूचित कर देता है। हालांकि जांच टीम ने मझौली मेंन मार्केट स्थित मेडिकल स्टरों में पहुंच जांच कार्यवाही करते देखी जा रही है जिसमें मुख्य खंड चिकित्सा अधिकारी संदीप शुक्ला, तहसीलदार मझौली दिलीप सिंह, नायब तहसीलदार मझौली वेदवती सिंह, फार्मासिस्ट सागर जायसवाल के साथ पुलिस बल एवं पटवारी शामिल रहे।

 

 

*ए रही अनुविभाग वार घटित टीम*

 

उपखण्ड गोपद बनास के लिए नियुक्त अधिकारियों में राकेश शुक्ला (उपखण्ड दण्डाधिकारी गोपद बनास), राकेश कुमार शुक्ला (तहसीलदार गोपद बनास), चन्द्रप्रकाश त्रिवेदी (नायब तहसीलदार गोपद बनास), राधेश्याम भट्टी (औषधि निरीक्षक प्रभारी सीधी), डॉ. श्रीया त्रिपाठी (प्रभारी खण्ड चिकित्सा अधिकारी सेमरिया) तथा दीपक कुमार द्विवेदी (फार्मासिस्ट प्रा.स्वा. केन्द्र बंजारी) शामिल हैं।

 

चुरहट/रामपुर नैकिन अनुभाग हेतु शैलेश द्विवेदी (उपखण्ड अधिकारी चुरहट), साक्षी गौतम (तहसीलदार चुरहट), रामप्रताप सोनी (प्रभारी नायब तहसीलदार चुरहट), सुषमा देवी रावत (प्रभारी तहसीलदार नायब कोर्ट पटपरा), आशीष कुमार मिश्रा (प्रभारी तहसीलदार रामपुर नैकिन), महेन्द्र कुमार द्विवेदी (प्रभारी नायब तहसीलदार रामपुर नैकिन), डॉ. वरुण सिंह (चिकित्सा अधिकारी सा.स्वा. केन्द्र चुरहट), डॉ. प्रेरणा सुजीत त्रिपाठी (प्रभारी खण्ड चिकित्सा अधिकारी सा.स्वा. केन्द्र रामपुर नैकिन) एवं रितेन्द्र सिंह (फार्मासिस्ट सा.स्वा. केन्द्र चुरहट) को जांच कार्य की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

सिहावल अनुभाग में प्रिया पाठक (उपखण्ड दण्डाधिकारी सिहावल), परमसुख बंसल (प्रभारी तहसीलदार सिहावल), दिनेश तिवारी (प्रभारी नायब तहसीलदार सिहावल), इन्द्रभान सिंह (प्रभारी तहसीलदार बहरी), जयप्रकाश पाण्डेय (प्रभारी नायब तहसीलदार बहरी), डॉ. रामभूषण पटेल (प्रभारी खण्ड चिकित्सा अधिकारी सा.स्वा. केन्द्र सिहावल), डॉ. अमित वर्मा (चिकित्सा अधिकारी सा.स्वा. केन्द्र बहरी), प्रतीक पाण्डेय (फार्मासिस्ट सा.स्वा. केन्द्र सिहावल) एवं सुनील सिंह चंदेल (फार्मासिस्ट प्रा.स्वा. केन्द्र अमरपुर) को जिम्मेदारी दी गई है।

मझौली अनुभाग के लिए आर.पी. त्रिपाठी (उपखण्ड दण्डाधिकारी मझौली), दिलीप सिंह (प्रभारी तहसीलदार मझौली), वेदवती सिंह (प्रभारी नायब तहसीलदार मझौली), राजेश पारस (प्रभारी तहसीलदार मड़वास), धन कुमार टोप्पो (प्रभारी नायब तहसीलदार वृत्त गिजवार), डॉ. संदीप शुक्ला (प्रभारी खण्ड चिकित्सा अधिकारी सा.स्वा. केन्द्र मझौली), डॉ. राकेश कुमार तिवारी (चिकित्सा अधिकारी सा.स्वा. केन्द्र मझौली), सागर जैसवाल एवं नीलम सिंह (फार्मासिस्ट सा.स्वा. केन्द्र मझौली) को नामित किया गया है।

 

वहीं कुसमी अनुभाग के लिए आर.पी. त्रिपाठी (उपखण्ड दण्डाधिकारी कुसमी), नारायण सिंह (प्रभारी तहसीलदार कुसमी), अमित कुमार दुबे (प्रभारी नायब तहसीलदार कुसमी), डॉ. सुधीर कुमार गुप्ता (प्रभारी खण्ड चिकित्सा अधिकारी सा.स्वा. केन्द्र कुसमी), राकेश कुमार पटेल एवं दिनेश कुमार लोधी (खाद्य सुरक्षा अधिकारी सीधी) को जांच कार्य के लिए नियुक्त किया गया है।

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