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झील पिपरिया पंचायत में आवास योजना के नाम पर भ्रष्टाचार

नए जिला सीईओ और से ग्रामीणों को न्याय की उम्मीद

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*झील पिपरिया पंचायत में आवास योजना के नाम पर भ्रष्टाचार*

 

*दैनिक प्राइम संदेश न्यूज़*

 

लोकेशन — सिवनी म. प्र.जिला ब्यूरो चीफ़ मोहित यादव सिवनी से *9584667143*

 

 

*नए जिला सीईओ और से ग्रामीणों को न्याय की उम्मीद*

 

सिवनी। सिवनी जिले की ग्राम पंचायत झील पिपरिया में आवास योजना से जुड़े भ्रष्टाचार का मामला एक बार फिर सुर्खियों में है। पंचायत के रोजगार सहायक सचिव श्रवण कुमार चंद्रवंशी पर आरोप है कि उन्होंने ग्रामीण सुनील यादव और ग्राम कंजई के स्थानीय ग्रामीण लोगों से आवास योजना की सूची में नाम जोड़ने और जॉब कार्ड दिलाने के नाम पर फोन पेय के माध्यम ओर कैश से ₹500 की राशि वसूली। पैसे लेने के बावजूद न तो आवेदक को योजना का लाभ मिला और न ही उसका नाम सूची में दर्ज किया गया।

 

*पुराने अधिकारियों के कार्यकाल में अनसुना रहा ग्रामीणों का दर्द*

 

स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि इस मामले की शिकायत जनपद सीईओ रेखा देशमुख और पूर्व जिला सीईओ नवजीवन पवार से कई बार की गई। लगातार खबरों के प्रकाशन के बावजूद न तो जांच की गई और न ही किसी तरह की कार्रवाई। ग्रामीणों का आरोप है कि वरिष्ठ अधिकारियों की चुप्पी ने भ्रष्टाचार को और बढ़ावा दिया, जिससे ग्रामीणों का भरोसा प्रशासन से उठने लगा।

 

भ्रष्टाचार पर लगी चार चांदनी, लाखों की फर्जी हाजरी भरने के बाद भी , आवास योजना और जॉब कार्ड के नाम खुले आम जनता से पैसे मांगने वाले सहायक सचिव श्रवण कुमार चंद्रवंशी अभी तक क्यों है अपने पद पर कार्यरत पूछती है कब होगी कारवाही?

 

ग्रामीणों का कहना है कि कार्रवाई न होने से रोजगार सहायक का हौसला और बढ़ा। पंचायत स्तर पर पारदर्शिता की कमी ने गरीबों के हक़ पर डाका डालने वालों को खुला संरक्षण दिया। यह मामला न केवल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाता है बल्कि योजनाओं के वास्तविक लाभार्थियों को वंचित कर देता है।

*नए जिला सीईओ और कलेक्टर भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कारवाही की उम्मीद की गुहार*

वर्तमान में जिले का जिम्मा जिला सीईओ अंजलि शाह और कलेक्टर शीतल पटले के पास है। ग्रामीणों को उम्मीद है कि नए अधिकारी इस मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषी रोजगार सहायक सचिव के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। उनका कहना है कि यदि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाती है, तो यह संदेश जाएगा कि अब भ्रष्टाचार को किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

*ग्रामीणों का कथन*

ग्रामीणों ने साफ कहा है कि यदि प्रशासन कार्रवाई में देरी करता है, तो वे सामूहिक रूप से जिला मुख्यालय पहुँचकर धरना-प्रदर्शन करेंगे। ग्रामीणों की मांग है कि केवल ₹500 की वसूली ही नहीं, बल्कि पंचायत में हुए अन्य आर्थिक लेन-देन की भी जांच की जाए

 

झील पिपरिया पंचायत में उजागर हुआ यह मामला प्रशासन के लिए अग्निपरीक्षा साबित हो सकता है। पूर्व अधिकारियों की चुप्पी ने ग्रामीणों का विश्वास डगमगाया है, जबकि नए सीईओ और कलेक्टर के आने से लोगों में उम्मीद जगी है। अब देखना यह है कि क्या प्रशासन इस मामले को गंभीरता से लेकर दोषियों पर कार्रवाई करता है या फिर यह मामला भी पिछली तरह ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा।

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