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वेंकट नगर में नशे का कारोबार बेलगाम सिंघौरा आश्रम बना अपराधियों का अड्डा, प्रशासन मौन

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वेंकट नगर में नशे का कारोबार बेलगाम सिंघौरा आश्रम बना अपराधियों का अड्डा, प्रशासन मौन

 

ज्ञानेंद्र पांडेय 7974034465

अनूपपुर/वेंकट नगर।

जिले के वेंकट नगर चौकी क्षेत्र में इन दिनों अवैध नशे के कारोबार का जाल तेजी से फैलता जा रहा है। प्रशासन की तमाम कार्रवाई और दावों के बावजूद अंग्रेजी शराब, देशी शराब और गांजे की खुलेआम बिक्री लगातार जारी है। सिंघौरा आश्रम, जो कभी आध्यात्मिकता और श्रद्धा का केंद्र माना जाता था, आज अपराधियों का सुरक्षित अड्डा बन चुका है।

 

बार-बार हुई कार्रवाई, फिर भी धंधा जारी

 

स्थानीय सूत्रों के अनुसार, रघु और सुनील गांजा बेचने के काले कारोबार में सक्रिय हैं जिन पर कार्यवाही तो दूर अब तक जिम्मेदारों ने उनकी देख ही नहीं ली जो इनकी कारोबार को बंद कर सके , जबकि राजू, दिलीप , नन्हू, नंदलाल , राधेश्याम और टोडरमल अलग-अलग ठिकानों से अंग्रेजी व देशी शराब की अवैध बिक्री में लिप्त हैं। आश्चर्य की बात यह है कि इनमें से कुछ लोगों पर पहले भी दो से तीन बार प्रशासनिक कार्रवाई हो चुकी है, लेकिन सभी कार्रवाइयां केवल “कागज़ी खानापूर्ति” बनकर रह गई हैं।सूत्र बताते हैं कि ये अवैध कारोबारी अन्य क्षेत्रों से सस्ती शराब लाकर उसे ऊँचे दामों पर बेचते हैं। यह गतिविधि न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि युवाओं और समाज के लिए घातक भी बनती जा रही है।

 

श्रद्धा का केंद्र बना नशे का अड्डा

 

सिंघौरा आश्रम, जहाँ बजरंगबली का प्रसिद्ध मंदिर स्थित है, अब इन अपराधियों की गतिविधियों के चलते संकट में है। श्रद्धालु मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए आते हैं, लेकिन नशेड़ियों और असामाजिक तत्वों की उपस्थिति के कारण वहाँ पहुँचना तक कठिन होता जा रहा है। स्थानीय लोग भय और असुरक्षा के माहौल में जीने को मजबूर हैं।

 

प्रशासन की चुप्पी सवालों के घेरे में

 

यह स्थिति तब और चिंताजनक हो जाती है जब देखा जाता है कि चौकी क्षेत्र में चल रहे इस अवैध कारोबार की जानकारी आम जनता को है, पर प्रशासन अभी भी निष्क्रिय नजर आ रहा है। लंबे समय से इन लोगों पर कार्यवाही न होना या केवल दिखावे की कार्रवाई करना, चौकी प्रभारी की कार्यशैली पर सवाल खड़े करता है।

 

नशा मुक्ति अभियान विफल अब आम जनता कहेगी ‘अब बस!’

 

जिले में चल रहे नशा मुक्ति अभियान की सच्चाई इस क्षेत्र में आकर सामने आ जाती है। यदि प्रशासन सच में नशे के विरुद्ध गंभीर होता, तो वेंकट नगर में यह कारोबार अब तक बंद हो गया होता।अब समय आ गया है कि जिला प्रशासन, आबकारी विभाग और पुलिस मिलकर इस क्षेत्र में ठोस और स्थायी कार्यवाही करें, ताकि वेंकट नगर की पहचान एक धार्मिक और शांतिपूर्ण कस्बे के रूप में फिर से स्थापित हो सके।

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