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*सुपर कॉप योगेश राजपूत का स्थानांतरण बना जनचर्चा का विषय, जनता में गहरा आक्रोश*
दैनिक प्राइम संदेश न्यूज़
लोकेशन सिवनी
संवाददाता योगेश गढ़वाल
9981781200
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सिवनी जिले में अपनी निष्पक्षता और कड़े एक्शन के लिए सुपर कॉप के नाम से मशहूर पुलिस अधिकारी योगेश राजपूत का आईजी जबलपुर के आदेशानुसार अचानक हुआ स्थानांतरण अब पूरे जिले में जनचर्चा का प्रमुख विषय बन गया है। जिस अधिकारी ने अपनी टीम के साथ शेखर बघेल सहित कर्मठ पुलिसकर्मियों के सहयोग से सिवनी शहर से नशे के पूरे नेटवर्क को जड़ से उखाड़ कर कई आरोपियों को सलाखों के पीछे भेजा, उनके तबादले ने आम नागरिकों में गहरा आक्रोश पैदा कर दिया है। लोग आशंका जता रहे हैं कि यदि ऐसे जुझारू अधिकारी को हटाया गया तो शहर में दोबारा नशे का कारोबार पनप सकता है, जिससे युवाओं का भविष्य खतरे में पड़ जाएगा। सूत्रों का कहना है कि यह निर्णय कुछ प्रभावशाली शराब ठेकेदारों के दबाव और राजनीतिक षड्यंत्र का परिणाम प्रतीत होता है। जनता का साफ कहना है कि पुलिस विभाग को इस निर्णय पर पुनर्विचार कर नशे के खिलाफ जारी सख्त कार्रवाई को कमजोर नहीं होने देना चाहिए, अन्यथा इसके दुष्परिणाम की जिम्मेदारी पूरी तरह उच्च अधिकारियों पर होगी।
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*जनता की मांग – सुपर कॉप योगेश राजपूत रहें सिवनी में ही*
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आईजी जबलपुर के आदेशानुसार सुपर कॉप योगेश राजपूत का हुआ अचानक स्थानांतरण सिवनी जिले में बड़ी जनचर्चा का विषय बना हुआ है। नशे के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर शहर से पूरे नेटवर्क को समाप्त करने वाले इस ईमानदार अधिकारी को जिले में ही सेवा जारी रखने का मौका देने की मांग लगातार जोर पकड़ रही है। जनआक्रोश का कहना है कि यदि योगेश राजपूत को यथावत सिवनी में नहीं रखा गया तो नशे का कारोबार फिर से सिर उठा सकता है, जिसका खामियाज़ा युवा पीढ़ी को भुगतना पड़ेगा। जनता ने पुलिस विभाग से अपील की है कि जिले की सुरक्षा और नशामुक्ति अभियान को मजबूत बनाए रखने के लिए इस निर्णय पर तुरंत पुनर्विचार किया जाए।
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*योगेश राजपूत का तबादला रोकने पर गंभीर विचार जरूरी, उत्कृष्ट सर्विस रिकॉर्ड बने मिसाल*
*सुझाव* :
पुलिस अधीक्षक सिवनी महोदय एवं आईजी जबलपुर महोदय को सुझाव है कि अधिकारी योगेश राजपूत के ट्रांसफर के निर्णय पर पुनर्विचार किया जाए। उनकी सर्विस बुक में दर्ज उत्कृष्ट कार्यों और बेदाग रिकॉर्ड से साफ झलकता है कि उन्होंने अब तक जिले में कई संवेदनशील मामलों को सटीकता और तत्परता से निपटाकर अपराध नियंत्रण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। योगेश राजपूत वर्तमान में भी ऐसे अनेक मामलों में सक्रिय रूप से जुटे हुए हैं, जिनका समाधान उनके अनुभव और क्षेत्र की गहरी समझ के बिना संभव नहीं है। इस समय उनका तबादला न केवल चल रहे अभियानों की गति को प्रभावित कर सकता है बल्कि नए अधिकारी के लिए हालात को समझने में भी समय लग सकता है, जिससे अपराध नियंत्रण की रफ्तार धीमी पड़ने का खतरा है। जनहित और जिले की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उनका तबादला रोककर उन्हें वर्तमान जिम्मेदारी पर बनाए रखना ही सबसे उचित कदम होगा।