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भीमपुर ग्राम पंचायत में सरपंच-सचिव की मनमानी पर पंचों का फूटा गुस्सा

तीन वर्षों से नहीं बुलाई बैठकें, अधूरे निर्माण कार्य और बाजार ठेके की राशि पर सवाल

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भीमपुर ग्राम पंचायत में सरपंच-सचिव की मनमानी पर पंचों का फूटा गुस्सा

 

तीन वर्षों से नहीं बुलाई बैठकें, अधूरे निर्माण कार्य और बाजार ठेके की राशि पर सवाल

 

बैतूल । भीमपुर ब्लॉक मुख्यालय की ग्राम पंचायत भीमपुर इन दिनों विवादों में घिर गई है। पंचायत के समस्त पंचगणों ने जिला कलेक्टर बैतूल को आवेदन देकर पंचायत की कार्यप्रणाली पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पंचों का कहना है कि पंचायत में वर्षों से पारदर्शिता नाम की कोई चीज़ नहीं बची है और सरपंच-सचिव की मनमानी से ग्रामीणों का विकास कार्य प्रभावित हो रहा है।

 

पंचों का आरोप:

 

1. बैठकें नहीं बुलाना:

पंचगणों का कहना है कि विगत 3 वर्षों से पंचायत की कोई बैठक नहीं बुलाई गई। पंचायत अधिनियम के अनुसार, पंचों की सहमति और प्रस्ताव पारित किए बिना कोई भी कार्य नहीं कराया जा सकता, लेकिन यहां नियमों को ताक पर रखकर काम किए जा रहे हैं।

 

2. निर्माण कार्यों में गड़बड़ी:

सभी निर्माण कार्य ठेकेदारों के माध्यम से कराए गए हैं। अधिकांश काम अधूरे पड़े हैं, लेकिन इसके बावजूद राशि का आहरण कर लिया गया। इससे भ्रष्टाचार और घोटाले की बू आ रही है।

 

3. बाजार ठेके की राशि पर सवाल

विगत तीन वर्षों में बाजार ठेके से पंचायत को होने वाली आय का उपयोग किन-किन कार्यों में हुआ, इसकी कोई जानकारी पंचों को नहीं दी गई। पारदर्शिता की कमी से ग्रामीणों के बीच आक्रोश बढ़ गया है।

 

पंचायत सचिव की जिम्मेदारी

 

ग्राम पंचायत सचिव का दायित्व होता है कि वह पंचायत की बैठकों की सूचना कम से कम 5 दिन पहले सभी सदस्यों को दे और पंचायत के अभिलेखों का सही तरीके से संधारण करे। लेकिन भीमपुर पंचायत में सचिव इन नियमों की धज्जियाँ उड़ाते नज़र आ रहे हैं।

 

पंचों की मांग

 

समस्त पंचगणों ने कलेक्टर से मांग की है कि –

 

पिछले 3 वर्षों में पंचायत की कार्यप्रणाली की जांच की जाए।

 

अधूरे निर्माण कार्यों और निकाली गई राशि का हिसाब लिया जाए।

 

बाजार ठेके की राशि का ब्यौरा सार्वजनिक किया जाए।

 

 

ग्रामीणों में नाराज़गी

 

ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत विकास का केंद्र बिंदु होती है, लेकिन भीमपुर पंचायत में नियमों की अनदेखी और गड़बड़ियों के चलते विकास ठप हो गया है। यदि समय रहते जांच और कार्रवाई नहीं की गई, तो यह मामला बड़ा आंदोलन का रूप भी ले सकता है।

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