MP News : क्या राजधानी बना आवारा कुत्तों का शहर, लोगों में डर का माहौल, प्रशासन बना मूक दर्शक
क्या भोपाल में इंसानों की सुरक्षा से ज्यादा कुत्तों की आज़ादी अहम है?
भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आवारा कुत्तों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। शहर की सड़कों पर करीब 1.5 लाख खूंखार कुत्ते खुलेआम घूम रहे हैं, और प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा है। हालात इतने खराब हैं कि हर महीने औसतन 1,500 से ज्यादा लोग डॉग बाइट के शिकार हो रहे हैं। जनवरी से जून 2025 के बीच ही 10,769 लोग इन हमलों का शिकार बन चुके हैं।
आवारा कुत्तों की बेकाबू बढ़ती आबादी पर काबू पाने के लिए शहर में महज 4 शेल्टर होम हैं, जो स्थिति के मुकाबले ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रहे हैं। सालों से जनहित में ठोस योजना बनाने के बजाय प्रशासन इस खतरनाक समस्या को नजरअंदाज कर रहा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर जल्द ही प्रभावी नसबंदी अभियान और पुनर्वास की ठोस व्यवस्था नहीं की गई, तो आने वाले समय में भोपाल की सड़कों पर पैदल चलना और बच्चों को बाहर खेलने भेजना किसी जोखिम से कम नहीं होगा। जनता पूछ रही है — क्या भोपाल में इंसानों की सुरक्षा से ज्यादा कुत्तों की आज़ादी अहम है?